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Power Bank in Hindi : परिभाषा ,कार्य सिद्धांन्त तथा उपयोग - हिंदी इलेक्ट्रिकल डायरी

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पावर बैंक  क्या होता है?

पॉवर बैंक एक पोर्टेबल इलेक्ट्रॉनिक्स डिवाइस होता है जो छोटे आकार के बैटरी तथा एक Electronics Circuit को आपस में जोड़कर बनाया जाता है। इस डिवाइस के मदद से यूजर अपने tablet, Mobile या Smartphones  को कही और कभी भी आसानी से चार्ज कर सकते है।  इसमें लगे बैटरी विधुत ऊर्जा को store करती है तथा Electronics Circuit,  बैटरी तथा मोबाइल फोन के बीच विधुत ऊर्जा के प्रवाह को नियंत्रित करती है।

Power Bank

Power Bank कैसे कार्य करता है?

जैसा की हमने ऊपर बताया की पावर बैंक में छोटे आकार के बैटरियां आपस में जुडी हुयी होती है। ये सभी बैटरी एक Electronics Circuit से जुडी होती है। जब पावर बैंक के इनपुट टर्मिनल को किसी मोबाइल चार्जर जोड़ा जाता है इसमें रखी हुई सभी बैटरी चार्ज हो जाती है अर्थात अपने अंदर विधुत ऊर्जा को स्टोर कर लेती है। जब हम अपने मोबाइल फोन को Power Bank के आउटपुट पोर्ट से जोड़ते है तब बैटरी से विधुत ऊर्जा का प्रवाह हमारे मोबाइल फोन  तरफ होने लगता जिससे हमारा फोन चार्ज होने लगता है। 

Power Bank  कैसे बनाया जाता है ?

पावर बैंक बनाने के लिए मुख्य रूप से दो Component की जरुरत होती है। जिसमे एक DC Source तथा विधुत ऊर्जा के प्रवाह को नियंत्रित करने के लिए Electronics Circuit | DC Source के रूप में लिथियम आयन बैटरी का उपयोग किया जाता है। 

एक पॉवर बैंक में लिथियम आयन बैटरी की संख्या ,उस पॉवर बैंक के Capacity पर निर्भर करता है। पावर बैंक में जिस Electronics Circuit का उपयोग किया जाता है उसे Buck-Booster Circuit कहा जाता है। एक निश्चित क्षमता वाले पावर बैंक में उपयोग होने वाले लिथियम आयन बैटरी की संख्या भी निश्चित होती है। 

power bank


उदाहरण के लिए यदि हमारे पास 2.5 V के लिथियम आयन बैटरी है जिसकी क्षमता 500 mAH है तब हमें एक 2000  mAH Capacity वाला एक Power Bank जो 5V पर कार्य करे, को बनाने के लिए केवल 4 बैटरी की जरुरत पड़ेगी। इन चार बैट्रियों को दो- दो के समूह के बाटकर पहले सीरीज में जोड़ेंगे जिससे इनके टर्मिनल का वोल्टेज 5V हो जायेगा। 

पुनः इन दोनो समूहों को आपस में  पैरेलल में जोड़कर एक बैटरी बैंक बना लेंगे तथा इस बैटरी बैंक को Electronics Circuit से प्रॉपर तरीके से जोड़ देंगे। 

Power Bank में किस प्रकार के बैटरी का प्रयोग किया जाता है? 

Power Bank में Rechargeable बैटरी अर्थात ऐसे बैटरी जिसको दुबारा चार्ज किया जा सकता है, का प्रयोग किया जाता है। इसके लिए लिथियम आयन या लिथियम पॉलिमर बैटरी का प्रयोग किया जाता है

लिथियम आयन बैटरी क्या होता है?

यह एक Rechargeable बैटरी होता है जिसमे इलेक्ट्रोलाइट के रूप में लिथियम आयन प्रयोग किया जाता है। इस बैटरी की ऊर्जा घनत्व (Energy Density) सबसे ज्यादा होती है। अर्थात यह अन्य बैटरी के तुलना में ज्यादा मात्रा में विधुत आवेश को Store कर सकता है। 

लिथियम पॉलिमर बैटरी क्या होती है ? 

यह भी एक Rechargeable बैटरी होता है। इस प्रकार के बैटरी में इलेक्ट्रोलाइट के रूप में पॉलीमर का का प्रयोग किया जाता है। यह बैटरी आकार में छोटा तथा हल्का होता है। यह अन्य बैटरी के तुलना में ज्यादा समय तक विधुत आवेश को स्टोर कर सकता है। 

Power Bank  की Capacity क्या होती है ?

पॉवर बैंक की क्षमता उसमे उपयोग किए गए बैटरी की क्षमता तथा संख्या पर निर्भर करती है। किसी भी प्रकार के बैटरी की Capacity उसके द्वारा आवेश स्टोर करने की क्षमता पर निर्भर करता है। अर्थात जिस बैटरी की  क्षमता ज्यादा होगी वह ज्यादा मात्रा में विधुत आवेश को स्टोर करेगा। 
 
हम जानते है की आवेश तथा विधुत धारा (Electric Current and Electric Current )के बीच निम्न समबंध होता है। 
आवेश  = (विधुत धारा) X (समय) 

Q  =  I t 
जहाँ 
Q = कुल आवेश 
I  =  विधुत धारा 
t = समय 
चूँकि मोबाइल फोन बहुत ही कम विधुत धारा पर कार्य करता है इसलिए मोबाइल फोन में प्रवाहीत विधुत धारा को ऐम्पियर (A) की जगह मिली ऐम्पियर (mA) में मापा जाता है। अतः इस प्रकार किसी मोबाइल  या  पॉवर बैंक के बैटरी में  यदि एक घंटा में 10 मिलि ऐम्पियर की धारा प्रवाहीत हो तो बैटरी में स्टोर होने वाले कुल आवेश को निम्न तरीके से ज्ञात किया जा सकता है। 
Q  = विधुत धारा (mA) X समय (H)

Q  = 10 mA X 1H

 Q =10 mAH

अर्थात इस बैटरी की क्षमता 10 mAH होगी। इसलिए  ही मोबाइल या पॉवर बैंक की क्षमता हमेशा mAH में दी जाती है। इसके विपरीत यदि किसी पॉवर बैंक की कुल क्षमता 1000  mAH है तो इसका मतलब यह हुआ की Power Bank लगातार एक घंटा तक 1000 mA की विधुत धारा provide करता रहेगा। 

Power Bank को Charge करने में कितना समय लगता है ? 

किसी बैटरी या पावर बैंक को पूर्णतः Charge करने में लगने वाला समय उसकी कैपेसिटी तथा उसको  charge  करने वाले charger पर निर्भर करता है। हम किसी भी पावर बैंक को पूर्णतः charge करने में लगने वाले समय की गणना कर सकते है। 
मान ले आपके पास एक 10000  mAH Capacity वाला एक पावर बैंक है।  यदि आप इसको एक ऐसे चार्जर से चार्ज करने जा रहे हो जिसकी Current आउटपुट क्षमता 2 A (ऐम्पियर) है। तब इसको चार्ज करने में लगने वाले कुल समय को निम्न तरीके से ज्ञात किया जा सकता है। 

समय  = (पॉवर बैंक  की क्षमता ) /(चार्जर से प्रवाहीत विधुत धारा)
समय = (10000 ×10-3) / 2 
समय = 50 घंटा 
यह बहुत ही जयादा समय है। यह समय बैटरी को  शून्य से फुल  charge करने में लगता है। हम जो पावर बैंक उपयोग करते है। उसमे लगने वाला Electronic Circuit , Power Bank  लगे हुए बैटरी को बिलकुल Discharge होने से पहले ही Low charge का Indicator जला देता है। यदि किसी कारणवश पावर बैंक की बैटरी पूर्णतः Discharge हो गयी तब इसको पुनः फुल चार्ज करने में ज्यादा समय लगेगा।  

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