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Voltage In Hindi : परिभाषा ,प्रकार तथा उदहारण - हिंदी इलेक्ट्रिकल डायरी

वोल्टेज क्या है?

आपने अक्सर अपने बगल वाली पडोसी को यह कहते हुए सुना होगा की आज हमारे घर में Voltage नहीं था जिससे मेरा पंखा तेज नहीं चल रहा था। दूसरी तरफ आपने यह भी सुना होगा की Current कम आने की वजह से मेरा आयरन मशीन ठीक से कार्य नहीं कर रहा है।
ये दो शब्द Voltage तथा Current हमें इतना सुनने को मिलता है की हम क्या कहे। इन चीजों को हम बचपन से सुनते आ रहे है परतुं आज तक इनके बीच के अंतर को स्पष्ट नहीं कर पाए है। इसका मुख्य कारण यह है न तो हम Current को देख पाते है और न ही Voltage।
इसी कारण हमें कोई स्पष्ट अंतर बता नहीं पाता है। यदि यह Problem आपके साथ भी है तो घबराएं नहीं आज मैं आपके दिमाग में उठ रहे इन प्रश्नों का जवाब बहुत ही आसान भाषा में देने वाला हु आपको बस इतना करना है की इस पोस्ट को अंत तक पढ़ना है।
हम Voltage को समझने के लिए यहाँ पानी तथा उससे संबंधित Pressure Difference का उदाहरण लेंगे क्योकि जिस तरह पाइप के अंदर पानी का बहाव होता है ठीक उसी प्रकार इलेक्ट्रिक वायर के अंदर Current का प्रवाह होता है।   
Voltage In hindi

मान लीजिए आप जिस फ्लैट में रह रहे है और वह एक चार फ्लोर का फ्लैट है और आप टॉप फ्लोर में रह रहे है तथा इस फ्लैट में Water Supply करने के लिए Water Tank है जो आपके छत पर रखा है। तब देखते होगें की आपके नीचे वाले फ्लैट में पानी आपके फ्लैट के तुलना में तेजी से गिर रहा होगा।
इसका मुख्य कारण यह है की आपके तुलना में नीचे वाले फ्लैट में पानी का Pressure कम है। जो Water Tank आपके फ्लोर के ऊपर रखा गया है उसमे पड़े पानी Pressure सबसे ज्यादा है क्योकि उसकी उचाई धरती से अधिक है और ρgH फार्मूला के अनुसार जिसकी उच्चाई जितनी अधिक होगी उसका दाब (Pressure) उतना ही अधिक होगा।
अर्थात ग्राउंड फ्लोर पर पानी का दाब शून्य होगा क्योकि धरती से उसकी ऊंचाई शून्य है। इसलिए पानी सबसे तेज ग्राउंड फ्लोर पर गिरेगा और जैसे जैसे ऊचाई बढ़ती जाएगी वैसे वैसे पानी बहने की रफ़्तार कम होती जाएगी। जैसे ही ये ऊचाई Water Tank के ऊचाई के बराबर हो जाएगी वैसे ही पानी का बहाव बंद हो जायेगा।
इससे यह निष्कर्ष निकलता है की जितना ज्यादा दाबांतर (Pressure Difference) होगा पानी की रफ़्तार उतनी ही ज्यादा होगी। यही घटना इलेक्ट्रिक सर्किट में, इलेक्ट्रिक करंट के साथ भी होता है। बसर्ते यहाँ Pressure के जगह पर Voltage तथा पानी के जगह पर आवेश होते है और आवेश के प्रवाह को ही विधुत धारा कहते है। वोल्टेज तथा पानी की यह तुलना Hydraulic analogy कहलाती है।
अर्थात जब Voltage difference कम हो जाता है तब विधुत धारा का प्रवाह कम हो जाता है और विधुत धारा कम हो जाने की वजह से पंखा धीमा चलने लगता है ,आपके घर में लगा हुआ फ्रीज टीवी आदि उपकरण ठीक से कार्य नही करते है। इससे ये साबित होता है की Voltage केवल एक तरह का इलेक्ट्रिक दाब (Electric Pressure) है जो इलेक्ट्रिक वायर में विधुत धारा को प्रवाहीत करता है।
Voltage का काम है विधुत धारा के दिशा तथा प्रवाह को निर्धारित करना। जितना ज्यादा Voltage Difference होगा उतना ही ज्यादा विधुत धारा का परवाह होगा और इलेक्ट्रिकल उपकरण उतने ही तेजी से कार्य करेंगे।
हमने अक्सर देखा होगा की बैटरी के एक ही प्रकार के टर्मिनल से जब किसी बल्ब को जोड़ते है तब वह नहीं जलता है क्योकि उस टर्मिनल पर वोल्टेज सामान होता है जिससे वोल्टेज का अंतर शून्य हो जाता है और वोल्टेज का अंतर शून्य हो जाने की वजह बल्ब में से कोई भी विधुत धारा का प्रवाह नहीं होता है।

वोल्टेज की परिभाषा

वोल्टेज वह भौतिक कारक है जो किसी इलेक्ट्रिक सर्किट में प्रवाहीत विधुत धारा की दिशा निर्धारण करता है। यह इलेक्ट्रिक सर्किट में Pressure की तरह कार्य करता है जिससे विधुत सर्किट से आवेश का प्रवाह होता है। यह एक भौतिक राशि है जिसका SI मात्रक वोल्ट होता है। इसे अंग्रेजी के V द्वारा निर्देशित किया जाता है। 
यह वोल्टेज का एक साधारण सा परिभाषा है। इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में वोल्टेज तथा विधुत धारा का संबंध बड़े ही स्तर पर परिभाषित है तथा इसका स्कोप भी बहुत बड़ा है। हमने यहाँ वोल्टेज को समझने के लिए एक छोटा सा प्रयास किया है।

वोल्टेज कितने प्रकार के होते है ?

ऐसे तो सामान्य स्तर पर वोल्टेज का कोई प्रकार नहीं होता है क्योकि यह एक पैरामीटर है जो इलेक्ट्रिक सर्किट में विधुत ऊर्जा को एक श्रोत से किसी लोड की तरफ प्रवाहीत करने के लिए एक प्रकार का Pressure उत्पन्न करता है लेकिन और  वोल्टेज दो प्रकार का होता है :
  • DC Voltage 
  • AC Voltage 

DC Voltage क्या होता है?

DC Voltage का मतलब होता है Direct Current Voltage. यह एक ऐसा Voltage होता है जो समय परिवर्तन के साथ परिवर्तित नहीं होता है। इस लिए इसे DC Voltage कहते है। DC Voltage का श्रोत विधुत सेल होता है। बहुत सारे सेल को विभिन्न तरीके से जोड़कर बैटरी बनाया जाता है।

AC Voltage क्या होता है ?

AC Voltage का मतलब होता है Alternating Current Voltage. यह एक ऐसा Voltage होता है जिसका परिमाण समय के साथ परिवर्तित होता रहता है। AC Voltage का श्रोत जनरेटर होता है। AC Voltage के बारे में जानने से पहले बहुत सारे पैरामीटर को जानना पड़ता है। जैसे -आवृति ,आयाम ,कालांतर आदि।

Voltage Regulation of Transformer In Hindi

No load तथा Full load पर ट्रांसफार्मर के Secondary Coil के वोल्टेज के अंतर (Voltage Difference) को Voltage Regulation of Transformer कहते है। इसे हमेशा प्रतिशत में व्यक्त किया जाता है। प्रतिशत में व्यक्त करने के लिए इस अंतर को नो लोड वोल्टेज से भाग देकर 100 से गुणा कर दिया जाता है।
Voltage In Hindi

किसी भी टट्रांसफॉर्मर का वोल्टेज रेगुलेशन यह बताता है की यह ट्रांसफार्मर लोड के साथ जुड़े जाने पर अपने Secondary Coil का Voltage कितना कम क्र सकता है। यदि किसी ट्रांसफॉर्मर का नो लोड सेकेंडरी वोल्टेज 100V तथा वोल्टेज रेगुलेशन 3% है तो इसका मतलब यह हुआ की जब यह ट्रांसफार्मर फुल लोड पर जोड़ा जायेगा तब इसका सेकेंडरी टर्मिनल वोल्टेज 3 Volt कम हो जायेगा अर्थात 97 Volt हो जायेगा।

Ideal Voltage Source In Hindi

Ideal Voltage Source एक ऐसा Voltage Source होता है जिसक Voltage लोड के साथ जोड़े जाने के बाद गिरता नहीं है अर्थात कम नहीं होता है। यह लोड Current बढ़ने या घटने से बदलता नहीं है। लेकिन यह आइडियल कांसेप्ट है। ऐसा कोई भी Voltage Source नहीं है जिसका टर्मिनल वोल्टेज लोड से जोड़े जाने के बाद गिरता नहीं है।

Voltage Drop In Hindi

Voltage Drop का मतलब होता है ,Voltage का गिर जाना या कम हो जाना। जब किसी Voltage Source को लोड के साथ जोड़ा जाता है तब Voltage Source का टर्मिनल Voltage पूर्व निर्धारित वोल्टेज से थोड़ा कम हो जाता है। इस प्रकार वोल्टेज कम होने की क्रिया वोल्टेज ड्राप(Voltage Drop) कहलाती है। वोल्टेज ड्राप क्यों होता है इसके लिए आपको ओम के नियम को जानना होगा।

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