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मीटर ब्रिज : परिभाषा ,कार्य सिद्धांत ,फार्मूला ,उपयोग तथा सावधानी - हिंदी इलेक्ट्रिकल डायरी

meter bridge in hindi

मीटर ब्रिज की परिभाषा

मीटर ब्रिज एक विधुत मापन उपकरण जो किसी चालक के प्रतिरोध ज्ञात करने के लिए उपयोग किया जाता है। इसे स्लाइड वायर मीटर भी कहते है। यह व्हीटस्टोन ब्रिज के सिद्धांत पर कार्य करता है। यह व्हीटस्टोन ब्रिज की तुलना में ज्यादा सटीक मान ज्ञात करता है। इस मापन यंत्र को 1833 में सैमुअल हंटर क्रिस्टी ने सबसे पहले बनाया था जिसे बाद में 1843 में प्रोफेसर व्हीटस्टोन ने इसमें सुधार किया। इसमें एक मीटर लंबा एक समान प्रतिरोध (Uniform Resistance) का तार होता है जो एक लकड़ी के तख्ते में लगा हुआ होता है।इस तार के ऊपर एक जॉकी (परिवर्तनशील प्रतिरोध) लगी हुई होती है जिसे तार पर घुमाया जा सकता है।

मीटर ब्रिज का समीकरण 

मीटर ब्रिज के मदद से अज्ञात प्रतिरोध का मान ज्ञात करने के लिए निचे दिए गए फार्मूला का उपयोग किया जाता है 


जहाँ 
  • R_x = अज्ञात प्रतिरोध का मान
  • R = ज्ञात प्रतिरोध का मान
  • l = जॉकी की स्थिति बाएं सिरे से
  • 100 Cm = तार की कुल लंबाई

मीटर ब्रिज का कार्य सिद्धांत 

मीटर ब्रिज व्हीटस्टोन ब्रिज के सिद्धांत पर कार्य  करता है। व्हीटस्टोन ब्रिज एक विधुत  परिपथ है जिसका उपयोग अज्ञात प्रतिरोध का मान ज्ञात करने के लिए किया जाता है। यह चार प्रतिरोधों से मिलकर बनता है जिनमें से तीन  प्रतिरोध के मान पहले से ज्ञात होते हैं और एक अज्ञात प्रतिरोध वाला चालक होता है। इन चारो प्रतिरोध को एक चतुर्भुज आकर में आपस में जोड़ा जाता है और किसी दो विकर्ण के बीच वोल्टेज आरोपित किया जाता है और दूसरे विकर्ण के बीच एक गैल्वेनोमीटर को जोड़ा जाता है। इसके बाद जोकि को घुमाकर अज्ञात प्रतिरोध के मान को इस प्रकार से समायोजित किया जाता है की गैल्वेनोमीटर से किसी प्रकार की कोई विधुत धारा प्रवाहित न हो। जब परिपथ संतुलित हो जाता है तब  गैल्वेनोमीटर का पॉइंटर शून्य पर होता है।

मीटर ब्रिज के अनुप्रयोग

मीटर ब्रिज का प्रयोग निम्नलिखित कार्यों में किया जाता है:
  • अज्ञात प्रतिरोध का मान ज्ञात करने में 
  • तार का विशिष्ट प्रतिरोध ज्ञात करने में 
  • तापमान गुणांक ज्ञात करने में 
  • सेल का आंतरिक प्रतिरोध ज्ञात करने में 

मीटर ब्रिज के प्रयोग में सावधानियां

मीटर ब्रिज का प्रयोग करते समय निम्नलिखित सावधानियां बरतनी चाहिए:
  • गैल्वेनोमीटर की सुई को शून्य पर सेट करना चाहिए।
  • तार के सिरों को अच्छी तरह से जोड़ना चाहिए।
  • जॉकी को तार पर धीरे-धीरे चलाना चाहिए।
  • तार को मोड़ना या झुकना नहीं चाहिए।
  • मीटर ब्रिज को सीधे धूप में नहीं रखना चाहिए।

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