इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में लोड फ्लो क्या है ?
पावर इंजीनियरिंग या इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में किसी इंटरकनेक्टेड नेटवर्क में विधुत ऊर्जा प्रवाह का आंकिक आकलन करना(Numerical Calculation) लोड फ्लो एनालिसिस या लोड फ्लो स्टडी कहलाता है। लोड फ्लो स्टडी इलेक्ट्रिकल इंजीनियर द्वारा किए गए विद्युत नेटवर्क का विश्लेषण है। इसका मुख्य उद्देश्य यह समझना है कि विद्युत नेटवर्क के चारों ओर विधुत ऊर्जा कैसे प्रवाहित होती है।
लोड फ्लो अध्ययन करने से इंजीनियर को विद्युत प्रणालियों (इलेक्ट्रिकल सिस्टम) को डिजाइन करने में सहायता मिलती है तथा पावर सिस्टम के विभिन्न भाग में वोल्टेज तथा विधुत धारा का परिमाण क्या है। लोड फ्लो एनालिसिस के उपरांत डिज़ाइन किया इलेक्ट्रिकल सिस्टम सही तरीके से कार्य करता है और पावर ग्रिड द्वारा पर्याप्त मात्रा में विधुत ऊर्जा की आपूर्ति आसानी से की जाती है। किसी पावर सिस्टम में लोड फ्लो या पावर फ्लो स्टडी से इंजीनियर सिस्टम को इस प्रकार से डिज़ाइन करता है जो वर्तमान में विधुत आपूर्ति के साथ साथ भविष्य में बढ़ते हुए विधुत लोड पर आसानी से संचालित हो सके।
लोड फ्लो अध्ययन संबंधी कुछ बाते
- किसी पावर सिस्टम नेटवर्क का लोड फ्लो एनालिसिस अध्ययन उसके स्टेडी स्टेट का अध्ययन है अर्थात पावर सिस्टम स्टेडी स्टेट में कैसे कार्य करेगा उसकी जानकारी प्राप्त होती है।
- लोड फ्लो स्टडी से प्राप्त जानकारी(वोल्टेज ,करंट) किसी निश्चित लोड पर प्राप्त होती है।
- लोड फ्लो अध्ययन में दो अरैखिक (non linear) पावर समीकरण को हल करना पड़ता है जिसमें प्राप्त रिजल्ट वोल्टेज तथा फेज कोण होती है।
- लोड फ्लो एनालिसिस के बाद वोल्टेज ,फेज एंगल ,एक्टिव पावर तथा रिएक्टिव पावर की जानकारी प्राप्त होती है।
लोड फ्लो अध्ययन में उपयोगी स्टेप
यदि आप इलेक्ट्रिकल पावर सिस्टम डिज़ाइन करने की सोच रहे है तब आपको निम्न स्टेप को ध्यान में रखकर लोड फ्लो अध्ययन में आगे बढ़ना चाहिए :
- पावर सिस्टम में उपयोग होने वाले कॉम्पोनेन्ट(जनरेटर ,ट्रांसमिशन लाइन ,लोड आदि) का मॉडलिंग करना
- लोड फ्लो के लिए मॉडलिंग से जरुरी समीकरण उत्पन्न करना
- आंकिक तरीके से समीकरण को हल करना
पावर सिस्टम में कॉम्पोनेन्ट का मॉडलिंग
जनरेटर
जनरेटर पावर सिस्टम का वह कॉम्पोनेन्ट है जो पावर सिस्टम के लिए विधुत ऊर्जा उत्पन्न करता है। इसके द्वारा उत्पन्न इलेक्ट्रिक पावर को निम्न समीकरण द्वारा दिखाया जाता है।
लोड
यह पावर सिस्टम का दूसरा कम्पोनेंट है जो विधुत ऊर्जा का खपत करता है। यह जनरेटर से सुदूर कही स्थित होता है। इसके द्वारा प्रति सेकंड खपत विधुत ऊर्जा की मात्रा को निम्न समीकरण द्वारा दिखाया जाता है।
ट्रांसमिशन लाइन
यह पावर सिस्टम का तीसरा कॉम्पोनेन्ट है जो जनरेटर तथा लोड के बीच विधुत ऊर्जा परवाह के लिए विधुतीय पथ का निर्माण करता है। इसके आंतरिक प्रतिरोध तथा प्रतिबाधा के कारण कुछ विधुत ऊर्जा का ह्रास हो जाता है इसके आंतरिक प्रतिबाधा (Impedance) को निम्न समीकरण द्वारा दिखाया जाता है :
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