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पावर ग्रिड : परिभाषा ,प्रकार तथा उपयोग - हिंदी इलेक्ट्रिकल डायरी

इलेक्ट्रिकल ग्रिड क्या है ?

ग्रिड का हिंदी मतलब जाल होता है। अर्थात इलेक्ट्रिकल ग्रिड या पावर ग्रिड एक ऐसा विधुतीय जाल है जिसमे विधुत उत्पादन केंद्र(Generating Station) ,विधुत वितरक तथा ट्रांसमिशन लाइन एक दूसरे से जुड़े हुए होते है। इस जाल में विधुत ऊर्जा का प्रवाह विधुत उत्पादन केंद्र से वितरक केंद्र के तरफ होता है। 220 kV या इससे अधिक वोल्टेज पर विधुत ऊर्जा का परवाह उत्पादन केंद्र से लोड के तरफ होता है। इस उच्च वोल्टेज पर जिस लाइन से विधुत ऊर्जा का प्रवाह होता है उसे सुपर ग्रिड कहते है। 132 kV या इससे वोल्टेज पर संचालित होने वाले सबस्टेशन में विधुत ऊर्जा का परवाह सुपर ग्रिड से होता है। 

इलेक्ट्रिकल ग्रिड कितने प्रकार के होते है ?

पावर स्टेशन में विधुत ऊर्जा  उत्पादन उच्च वोल्टेज पर किया जाता है और पुनः इसे सबस्टेशन में स्टेप डाउन ट्रांसफार्मर के मदद से कम कर उपभोगता को दिया जाता है। इलेक्ट्रिकल ग्रिड को मुख्य रूप से दो प्रकार से वर्गीकृत किया जाता है जो निम्न है :
  • क्षेत्रीय ग्रिड या रीजनल (Regional Grid)
  • राष्ट्रीय ग्रिड या नेशनल ग्रिड (National Grid)
power grid in hindi

राष्ट्रीय ग्रिड किसे कहते है ?

किसी विशेष क्षेत्र में बहुत सी ट्रांसमिशन लाइन को आपस में एक  दूसरे से जोड़ जो विधुत ग्रिड बनाया जाता है उसे रीजनल या क्षेत्रीय ग्रिड कहते है। रीजनल पावर ग्रिड उत्पादन केंद्र से बहुत ही दूर होता है। यह निम्न वोल्टेज पर विधुत ऊर्जा का वितरण उपभोगता को करता है। 

राष्ट्रीय ग्रिड किसे कहते है ?

बहुत सारे रीजनल ग्रिड को आपस में जोड़कर राष्ट्रीय या नेशनल ग्रिड बनता है। नेशनल ग्रिड से बहुत से उत्पादन केंद्र जुड़े हुए होते है। इससे विधुत ऊर्जा का वितरण उच्च वोल्टेज पर किया जाता है। बहुत से ग्रिड को आपस में जोड़कर विधुत ऊर्जा का वितरण(डिस्ट्रीब्यूशन) ग्रिड का इंटरकनेक्शन कहलाता है। 

बहुत से पावर ग्रिड को आपस में क्यों जोड़ा जाता है ?

किसी भी देश में पावर ग्रिड को एक दूसरे से जोड़कर संचालित किया जाता है क्योकि ऐसा करने से विधुत ऊर्जा श्रोतो को पूर्ण एवं सुरक्षित रूप से उपयोग किया जा सकता है। इससे विभिन्न उत्पादन केन्द्रो पर बराबर लोड पड़ता है। ग्रिड का इंटरकनेक्शन बिजली संसाधन का सर्वोत्तम उपयोग प्रदान करता है और आपूर्ति के लिए बड़ी सुरक्षा सुनिश्चित करता है। यह सिस्टम को किफायती और विश्वसनीय बनाता है। 
जब  किसी जोन या क्षेत्र के लोड में अचानक वृद्धि या उत्पादन में कमी आती है, तब उस क्षेत्र में विधुत ऊर्जा का परवाह उसके निकटवर्ती इंटरकनेक्टेड ग्रिड से होने लगता है। किसी भी नेशनल ग्रिड को नियमित रूप से संचालित होने  लिए एक निश्चित ऊर्जा क्षमता की जरुरत होती है जिसे स्पिनिंग रिज़र्व कहते है। 

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