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मोर्टार : परिभाषा ,प्रकार ,विशेषता तथा उपयोग - हिंदी इलेक्ट्रिकल डायरी

मोर्टार क्या है ?

यह एक विशेष प्रकार का मिश्रण है जिसका उपयोग पुल या भवन निर्माण में ईंट या पथरो को आपस में जोड़ने के लिए किया जाता है। मकान निर्माण में कार्य करने वाले कारीगर  या मजदूर इसे मशाला कहते है। मोर्टार बनाने के लिए रेत (बालू ),सीमेंट ,सुरकी ,पानी।,चुना या सीमेंट की जरुरत पड़ती है। इन सभी अवयवों को निश्चित अनुपात में मिलाकर कर मोर्टार का निर्माण किया जाता है। ईंटो को मजबूती से बांधकर रखने के लिए इंसान मोर्टार का उपयोग वर्षो से करता आ रहा है। आधुनिक समय में सीमेंट ,रेत तथा पानी को निश्चित अनुपात में मिलाकर मोर्टार बनाया जाता है। सीमेंट के उपयोग से ईंटो के बीच बंधन मजबूत होता है। 
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मोर्टार कितने प्रकार का होता है ?

मोर्टार के निर्माण में मजबूती प्राप्त करने के लिए उपयोग किये गए मुख्य अवयव के आधार पर मोर्टार को पाँच वर्गों में वर्गीकृत किया गया है जो निम्न है :
  • सीमेंट मोर्टार (Cement Mortar)
  • चुना मोर्टार (Lime Mortar)
  • सुरकी मोर्टार(Surkhi  Mortar)
  • गेज मोर्टार (Gauge  Mortar)
  • मिट्टी मोर्टार(Mud Mortar)

सीमेंट मोर्टार क्या होता है ?

यह वर्तमान समय में सिविल कार्य में  सबसे ज्यादा उपयोग किया जाने वाला मोर्टार है। इसमें मजबूत बंधन के लिए रेत के साथ सीमेंट का उपयोग किया जाता है। ईंटो के बीच पर्याप्त मजबूती प्राप्त करने के लिए सीमेंट तथा रेत को 1:2 से 1:6 के अनुपात में मिश्रित करना चाहिए। इसका मतलब हुआ की प्रत्येक एक किलोग्राम सीमेंट में  कम से कम 2 किलोग्राम रेत या अधिकतम 6 किलोग्राम रेत को मिश्रित करना चाहिए। 

चुना मोर्टार क्या होता है ?

यह एक विशेष प्रकर का मोर्टार है जिसके निर्माण में मजबूती प्राप्त करने के लिए चुना का उपयोग किया जाता है। इसका उपयोग वर्तमान समय में प्रायः नहीं किया जाता है। सीमेंट मोर्टार से पहले इसका उपयोग मकान पुल आदि के निर्माण में इसका उपयोग व्यापक रूप से किया जाता था। इसमें चुना तथा रेत को 1:2 के अनुपात में मिश्रित किया जाता है। जितने भी प्रकार के ऐतिहासिक महल आप दखते उन सभी में लगभग चुना मोर्टार का उपयोग किया गया है। 

सुरकी  मोर्टार क्या होता है ?

यह एक पुरानी मोर्टार है जिसका उपयोग हमारे पूर्वज मकान निर्माण में करते थे। सुरकी एक विशेष प्रकर का पदार्थ होता है जिसे ईंट के टुकड़ो को पीसकर तैयार किया जाता है। या ईंट भटो से जाली हुई लाल रंग की जो मिटटी प्राप्त होती है उसे भी सुरकी कहते है। सुरकी को पानी के साथ गीला कर लेइ बनाई जाती थी और उससे ईंटो को आपस में जोड़ा जाता था। 

गेज्ड मोर्टार क्या होता है ?

यह एक विशेष प्रकार का मोर्टार है जिसमे चुना तथा सीमेंट को रेत के बारीक़ चूर्ण के साथ मिश्रित कर तैयार किया जाता है। इसमें सीमेंट मोर्टार से ज्यादा की मजबूती मिलती है। साधारणतः चुने तथा सीमेंट का अनुपात 1:6 से 1:9 के बीच रखा जाता है। 

मिट्टी  मोर्टार क्या होता है ?

इस मोर्टार में मिट्टी के साथ  गोबर ,धान की भूसा आदि को मिश्रित कर तैयार किया जाता है। वैसे इस मोर्टार को भवन निर्माण के लिए उपयुक्त नहीं माना जाता है। ग्रामीण इलाको में लोग दिवार खड़ा करने के लिए सामान्यतः इसका उपयोग करते है। 

उच्च किस्म के मोर्टार में क्या विशेषता होनी चाहिए ?

एक उपयुक्त तथा उच्च किस्म के मोर्टार के पास निम्नांकित विशेषता होनी चाहिए :
  • मोर्टार को ईंटो के बीच आसानी से चिपककर मजबूती देना चाहिए 
  • मोर्टार सूखने के बाद इससे पानी का रिसाव नहीं होना चाहिए। 
  • यह सस्ता होना चाहिए 
  • मोर्टार में सीमेंट रेत तथा अन्य दूसरे अवयवों को निश्चित अनुपात में मिश्रित होना चाहिए। 
  • मोर्टार को सख्त नहीं होना चाहिए। 

मोर्टार का उपयोग क्या है ?

मोर्टार का उपयोग निम्न स्थानों पर किया जाता है :
  • मोर्टार का उपयोग दिवार में ईंट, या पत्थर को आपस में बांधकर रखने के लिये किया जाता है। 
  • मोर्टार का उपयोग दीवारों में दिखने वाले खली स्थानों को भरने के लिए किया जाता है। 
  • दीवारों को चिकनाई के लिए मोर्टार का उपयोग किया जाता है। 

मोर्टार में रेत का उपयोग क्यों किया जाता है ?

 मोर्टार में सीमेंट के साथ रेत का उपयोग किया जाता है। कुछ लोग सोचते है की रेत के उपयोग से दीवारे मजबूत होती लेकिन ऐसा कुछ नहीं है। मोर्टार में रेत का उपयोग निम्न वजह से किया जाता है :
  • रेत के उपयोग से मोर्टार का आयन बढ़ जाता है जिससे मोर्टार सस्ता हो जाता है। 
  • उचित मात्रा में रेत के उपयोग से मजबूती में किसी भी प्रकार की कमी नहीं आती है और जिससे सीमेंट का उपयोग कम होता है। 
  • रेत सीमेंट के अवयवों को पतली फिल्म में फैला देता है जिससे ईंटो के बीच मजबूती बढ़ जाती है। 
  • रेत सीमेंट के अवयवों के लिए पर्याप्त सतह उपलब्ध करता है जिससे मजबूती बढ़ी है। 
  • रेत के उपयोग से मोर्टार का घनत्व बढ़ जाता है। 
  • वायुमंडल में मौजूद कार्बन डाई ऑक्साइड रेत के कणो के बीच मौजूद स्थान के मदद से पहुंच कर चुना से अभिक्रिया कर मोर्टार के क्षमता को बढ़ा देता है। 

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