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Resistor In Hindi : परिभाषा ,सीरीज,समान्तर संयोजन तथा उपयोग - इलेक्ट्रिकल डायरी

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Resistance क्या होता है? | Definition ऑफ़ Resistance | Meaning of Resistance 

resistance in hindi
Resistor 

Resistance किसी भी पदार्थ का एक भौतिक गुण है जो पदार्थ से होकर चलने वाली विधुत धारा (electric Current ) का विरोध करता है। इस दुनिया में जितने भी तरह के पदार्थ मौजूद है उन सब में यह भौतिक गुण उपलब्ध है।

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पदार्थ का यह गुण किसी पदार्थ में ज्यादा ,किसी में कम तथा किसी वस्तु में बहुत ही कम होता है। जिस पदार्थ में Resistance बहुत ज्यादा होता है  उस वस्तु /पदार्थ से विधुत धारा प्रवाहित नहीं हो पाती है और इसके विपरीत जिस वस्तु में Resistance कम होता है उस पदार्थ से विधुत धारा  आसानी से प्रवाहित हो जाती है।

Resistance एक physical quantity है इसलिए इसे मापा जा सकता है। Resistance को ओह्म में मापा जाता है तथा  Resistance का SI मात्रक ओम होता है जिसे ग्रीक अक्षर ओमेगा (Ω) से सूचित किया जाता है। किसी पदार्थ का Resistance तापमान में बदलाव से बदलता रहता है। अर्थात पदार्थ का यह गुण तापमान पर निर्भर करता है।

What is Resistor? | Resistor In Hindi | Definition of Resistor 

जो पदार्थ Resistance का गुण रखता है उसे Resistor कहते है। यह एक साधारण सा Resistor का परिभाषा है। लेकिन टेक्निकल भाषा में Resistor एक ऐसा Electronics Components होता है जो इलेक्ट्रिक सर्किट में प्रवाहित विधुत धारा के परवाह को रोकता है या विरोध करता है। Resistor विभिन्न प्रकार के होते है। आज Resistor का उपयोग बहुत ही बड़े स्तर पर इलेक्ट्रिकल तथा इलेक्ट्रॉनिक्स सर्किट में हो रहा है। 

Grouping ऑफ Resistor | Series Resistor | Parallel Resistor |Series Parallel Circuit

इलेक्ट्रॉनिक्स सर्किट में रेसिस्टर का उपयोग करते समय विभिन्न वैल्यू के रेसिस्टर की जरुरत पड़ती है | जबकि हमारे पास कुछ ही वैल्यू के रेसिस्टर मौजूद रहते है। तब हमारे पास मौजूद resistor को ही आपस में विभिन्न तरीके से जोड़कर आवश्यकतानुसार वैल्यू के रेजिस्टेंस बना लेते है।

इस प्रकार जोड़े गए Resistor को Grouping of Resistance कहते है। मौजूद रेसिस्टर को मुख्यतः दो प्रकार से ग्रुप किया जाता है जीने हम (1.) Series Connection of Resistor (2.) Parallel Connection of Resistor 
अब हम इन दोनों प्रकार के Resistor Grouping के बारे में जानेंगे।   

Series Connection of Resistor | Resistor In Series 

इस प्रकार के कनेक्शन में एक Resistor का टर्मिनल दूसरे Resistor के टर्मिनल से तथा दूसरे का तीसरे ,तीसरे का चौथे  टर्मिनल से जोड़ देते है। जैसा की निचे की चित्र में दिखाया गया है। Series Connection में जोड़े गए Resistor का मान प्रत्येक Resistor के मान से ज्यादा होता है।
Series Combination of Resistor
Series Combinition of Resistor
ऊपर दिए गए चित्र में कुल चार Resistor को सीरीज कनेक्शन में जोड़ा गया है। इन चारो Resistor का Resistance Value R1 RRR4है। इस चारो Resistor को जोड़ने से जो एक नया Resistor मिलेगा उसका Value निम्न तरीके से या फार्मूला से ज्ञात किया जायेगा। 
Req= R1 +R2+R3+R4

उदहारण से इसको समझने की कोशिश करते है। माना की इन चारो रेसिस्टर का वैल्यू 2Ω,3Ω,5Ω तथा 6 Ω है तो इन सब को जोड़ने के बाद जो नया रेसिस्टर बनेगा उसका Resistance कितना होगा। 
यदि ऊपर दिए गए फार्मूला का उपयोग कर जोड़े तो 
R = 2+3+5+6
R= 16 Ω
अर्थात इन चारो रेसिस्टर को जोड़ने के बाद जो नया Resistor बनेगा उसका मान 16 Ω होगा। 

Parallel Connection of Resistor|Parallel Circuit| Parallel Equivalent Resistance 

 इस प्रकार के Combination में बहुत सारे Resistor के टर्मिनल को एक साथ सी जोड़ा जाता है जैसा की निचे के चित्र में दिखाया गया है। दिए गए चित्र में चार Resistors को Parallel Connection में जोड़ा गया है। Parallel Connection में जुड़े हुए Resistor का Equivqlent Resistance प्रत्येक Resistor के Resistance वैल्यू से कम होता है। Parallel Connection में जुड़े हुए Resistor को Shunt Resistor भी कहते है। 
Parallel Grouping of Rersistor
Parallel Connection 
 ऊपर  सर्किट में कुल चार Resistor को जोड़कर एक Parallel Circuit बने गया है। इन चारो रेसिस्टर का मान R1 RRR4 है।इन चारो Resistor को जोड़ने के बाद जो नया Resistor बनेगा उसका मान प्रत्येक resistor से कम होगा। इन चारो Resistor को निम्न तरीके से जोड़ा जाता है। 
Equivalent Parallel Resistance
जहाँ  RAB टर्मिनल के बीच का Equivalent Resistance Value है। 

What is Internal Resistance?

Internal Resistance की वस्तु का Resistance ही होता है। इसे हिंदी में आंतरिक रेजिस्टेंस कहते है। यह किसी भी वस्तु का एक गुण होता है। यह सभी प्रकार के पदार्थ में मौजूद होता है। इलेक्ट्रॉनिक्स सर्किट में जुड़े गए विधुत श्रोत जैसे बैटरी या जनरेटर के लिए Internal Resistance को ज्ञात किया जाता है। 

Resistance का उपयोग (Application of Resistance)

Resistance का उपयोग विधुत धारा के परवाह को कम करने या रोकने के लिए इलेक्ट्रिक सर्किट  में किया जाता है। इलेक्ट्रिक सर्किट में उपयोग हेतु बहुत कम तथा बहुत ज्यादा resistance की जरुरत होती है इसलिए उपयुक्त Resistance के लिए कार्बन के पाउडर से एक विशेष तरह का डिवाइस बनाते है जिसका रेजिस्टेंस बहुत ज्यादा होता है और साइज बहुत कम।

ऐसे डिवाइस को Resistor कहा जाता है।Resistor मुख्यतः कार्बन से बनाये जाते है क्योकि कार्बन के प्रतिरोधाकता (Resistivity) बहुत ही ज्यादा होती है और इसका Resistance तापमान में हुए बदलाव से बहुत ही काम प्रभावित होता है। 

प्रतिरोधाकता (Resistivity) क्या है ?

प्रतिरोधाकता (Resistivity) या विशिष्ट प्रतिरोध किसी भी पदार्थ का ऐसा गुण है जो यह बताता है की यह पदार्थ विधुत धारा के प्रवाह को किस हद तक रोक सकता है या विरोध कर सकता है। यह पदार्थ के डायमेंशन यानी आकर पर निर्भर नहीं करता है।.यह एक भौतिक राशि है। इसे ओह्म-मीटर में मापा जाता है। 

जिस पदार्थ की Resistivity जितनी अधिक होती है उसके पास विधुत धारा के प्रवाह को रोकने के लिए वह उतना ही ज्यादा शक्षम होता है। इसलिए रेसिस्टर बनाते समय इस बात का ध्यान रखा जाता है की एक Specific Value के Resistance के लिए एक Proper पदार्थ का चुनाव हो। 

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