जब किसी धातु के टुकड़े को किसी चुम्बकीये क्षेत्र में घुमाया जाता है तब उस धातु के टुकड़े के दोनों सिरों के बिच के EMF उत्पन्न हो जाता है। अगर इन दोनों सिरों को किसी बाहरी लोड से जोड़ते है तो इसमें एक विधुत धारा चलने लगती है।
इस current की दिशा ज्ञात करने हेतु फ्लेमिंग का राइट हैंड यूज़ किया जाता है। इसके विपरीत यदि कोई धातु का टुकड़ा जिसमे इलेक्ट्रिक करंट चल रही है उसे किसी मैग्नेटिक फील्ड में रखे तो यह धातु एक टुकड़ा अपने ऊपर एक बल का अनुभव करता है।इस बल की दिशा ज्ञात करने के लिए फ्लेमिंग के लेफ्ट नियम का उसे किया जाता है।
फ्लेमिंग लेफ्ट हैंड नियम (Fleming Left Hand Rule)
इस नियम के अनुसार अगर हम अपने बाएं हाथ(Left Hand ) की तीन अंगुलियों (अंगूठे, तर्जनी और मध्यमा) को इस तरह से फैलाते हैं कि ये तीनों उंगलियां एक-दूसरे से लंबवत(Perpendicular) हो जाती हैं यदि मध्य उंगली (Middle Finger) धातु में चलने वाली विधुत धारा को तथा तर्जनी (Fore Finger) चुम्बकीये क्षेत्र की दिशा को इंगित करता है, तब अंगूठा धातु द्वारा अनुभव बल की दिशा को बताएगा। जैसा की निचे दिए गए चित्र में दिखाया गया है।
फ्लेमिंग राइट हैंड नियम (Fleming Right Hand Rule )
इस नियम के अनुसार अगर हम अपने दाहिने हाथ की तीन अंगुलियों (अंगूठे, तर्जनी और मध्यमा) को इस तरह से फैलाते हैं कि ये तीनों उंगलियां एक-दूसरे के लंबवत अलग हो । तब यदि अंगूठा को चालक की गति की दिशा तथा तर्जनी (fore Finger) चुम्बकीये क्षेत्र की दिशा की ओर इशारा करते हैं तब मध्य उंगली (Middle Finger) धातु में प्रवाहीत विधुत धारा की दिशा को बताता है। इस नियम का मदद से विधुत जनरेटर में बहने वाली विधुत धारा की दिशा ज्ञात की जाती है।
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