Buck कनवर्टर क्या है ?
Buck कनवर्टर के मुख्य कॉम्पोनेन्ट
- इनपुट वोल्टेज (Vin): जहाँ से हाई वोल्टेज दिया जाता है।
- स्विच (MOSFET या ट्रांजिस्टर): ऑन और ऑफ होता है जिससे वोल्टेज को कंट्रोल किया जाता है।
- डायोड (Diode): स्विच OFF होने पर करंट को सही दिशा में बहने देता है।
- इंडक्टर (L): करंट को स्मूथ बनाता है और एनर्जी स्टोर करता है।
- कैपेसिटर (C): वोल्टेज को फिल्टर करता है ताकि आउटपुट स्थिर रहे।
- लोड (Load): जहाँ बिजली की जरूरत होती है, जैसे कोई सर्किट या डिवाइस।
बक कैसे काम करता है?
Buck Converter बहुत ही तेज़ी से ON और OFF होता है
जब स्विच ON होता है (Ton):-
इनपुट वोल्टेज सीधा इंडक्टर और लोड को मिलता है।
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इंडक्टर एनर्जी स्टोर करता है (मैग्नेटिक फील्ड बनाता है)।
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कैपेसिटर भी चार्ज होता है और आउटपुट वोल्टेज मिलता है।
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स्विच बंद हो जाता है।
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अब इंडक्टर अपने अंदर जमा की गई एनर्जी को रिलीज करता है लोड और कैपेसिटर को।
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डायोड एक नया रास्ता देता है करंट के बहाव के लिए।
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इस समय भी लोड को वोल्टेज मिलता रहता है।
आउटपुट वोल्टेज का सूत्र:
जहाँ,
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ड्यूटी साइकल =
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Vout = आउटपुट वोल्टेज
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Vin = इनपुट वोल्टेज
जैसे-जैसे ड्यूटी साइकल कम होगा, आउटपुट वोल्टेज भी कम होता जाएगा।
Waveforms
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इंडक्टर करंट – लगातार रहता है पर थोड़ा रिपल होता है।
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आउटपुट वोल्टेज – कैपेसिटर की वजह से स्मूथ और स्थिर होता है।
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स्विचिंग सिग्नल – ON और OFF के रूप में पल्सेज की तरह होता है।
फायदे
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उच्च एफिशिएंसी (90% या उससे ज्यादा)
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हीट बहुत कम पैदा होती है
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छोटा और हल्का सर्किट
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बैटरी ऑपरेटेड डिवाइसों में बहुत उपयोगी
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