Hall Effect क्या है?
एडविन हाल ने सन 1879 में हाल प्रभाव (Hall Effect) की खोज की थी। आज के समय में इन्सान ने हाल प्रभाव के मदद से विभिन्न प्रकार के विधुत उपकरण बना लिए है। आज हम इस पोस्ट में हाल प्रभाव (Hall Effect) का उल्लेख करेंगे।
जब किसी चालक को किसी चुंबकीय क्षेत्र में लम्वत (perpendicular) रखकर उससे विधुत धारा प्रवाहीत की जाती है तब उस चालक के दोनों पृष्ट पर एक विभांतर (Voltage) उत्पन्न (Voltage) हो जाता है। चालक में वोल्टेज उत्पन्न होने की घटना Hall Effect कहलाती है।
Hall Effect का सिधांत (Principle of hall Effect)
जब किसी चालक को विधुत श्रोत (बैटरी आदि) से जोड़कर विधुत परिपथ को पूरा किया जाता है तब विधुत श्रोत से विधुत धारा का प्रवाह होने लगता है। चालक में विधुत धारा का प्रवाह आवेश वाहक (इलेक्ट्रान होल्स या आयन्स) के कारण होता है। जब इस चालक को किसी चुंबकीय क्षेत्र में लम्बवत (Perpendicur) रखा जाता है तब ये आवेश वाहक अपने ऊपर एक बल का अनुभव करने लगते है।
आवेश वाहक द्वारा अनुभव किए जाने वाले इस बल को लारेन्ज बल(Lorenz Force) कहा जाता है। इस बल के कारण ऋण आवेशित इलेक्ट्रान बल के विपरीत तथा धनावेश्हित होल बल के दिशा में गति कर चालक के सतह पर इकठ्ठा होने लगते है। आवेश वाहको के सतह पर इकठ्ठा होने के कारण दोनों सतह के बीच वोल्टेज उत्पन्न हो जाता है। दोनों सतह के बीच उत्पन्न वोल्टेज को हाल वोल्टेज (hall Voltage) कहा जाता है और इसे निम्न सूत्र द्वारा ज्ञात किया जाता है :-
VH = Hall Voltage
I = चालक से प्रवाहित विधुत धारा
B = चुंबकीय क्षेत्र की तीव्रता
d =चालक की चौडाई
Q = आवेश की मात्र
N = इकाई आयतन में आवेश की संख्या
Hall Effect Sensor क्या होता है?
यह एक प्रकार का इलेक्ट्रॉनिक्स डिवाइस होता है जो चुंबकीय क्षेत्र की पहचान करता है अर्थात इसका उपयोग चुंबकीय क्षेत्र को सेन्स करने के लिए इसका उपयोग किया जाता है। चूँकि यह Hall effect के सिधांत पर कार्य करता है इसलिए इसे Hall Effect Sensor कहा जाता है।
Hall Effect का उपयोग
हाल प्रभाव के मदद से निम्न प्रकार के विधुत उपकरण का निर्माण किया जाता है :-
- Hall effect के मदद से Hall effect सेंसर बनाया जाता है।
- Linear(रैखिक) या कोणीय (Angular) विस्थापन मापन हेतु ट्रांसड्यूसर का निर्माण
- फेज Angle मापन यंत्र का निर्माण
यह भी पढ़े
एक टिप्पणी भेजें
एक टिप्पणी भेजें