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इलेक्ट्रिक व्हीकल: परिचय ,इतिहास ,कार्य सिद्धांत ,लाभ तथा हानि - हिंदी इलेक्ट्रिकल डायरी

EV क्या है ?

EV अर्थात इलेक्ट्रिक व्हीकल(Electric Vehicle) जिसे हिंदी में विधुत वाहन कहते है। विधुत ऊर्जा से संचालित होने वाली सभी प्रकार की वाहनों को विधुत वाहन कहते है। इस प्रकार के वाहन में किसी प्रकार का आंतरिक दहन इंजन नहीं होता है। विधुत वाहन में ऊर्जा का श्रोत लिथियम आयन बैटरी होती है जिसमे संचित विधुत ऊर्जा को विधुत मोटर की मदद से यांत्रिक ऊर्जा में परिवर्तित किया जाता है जिससे गाड़ियों के पहिया घूमता है। विधुत वाहन में विभिन्न प्रकार के मोटर का उपयोग किया जाता है। 
EV in hindi

विधुत वाहन का इतिहास क्या है ?

विधुत वाहन प्रारंभिक तौर पर किसी देश में और कब विकसित की गई इसका कोई लिखित प्रमाण नहीं है लेकिन विधुत बैटरी तथा मोटर के अविष्कार के बाद हंगरी ,नीदरलैंड तथा यूनाइटेड स्टेट के कुछ अविष्कारक विधुत से चलने वाली गाडी बनाने के बारे में सोच रहे थे। इनमे रोबर्ट एंडरसन पहले ब्रिटिश व्यक्ति थे जिन्होंने पहली विधुत वाहन बनाई और माल ढोने के लिए इसका उपयोग किया। 

1890 में अमेरिकन अविष्कारक  विलियम मॉरिसन ने पहली बार विधुत से संचालित होने वाली कार बनाई जिसकी अधिकतम गति 14 मिल प्रति घंटे थी। मॉरिसन द्वारा बनाई गई इलेक्ट्रिक कार में कुल 6 व्यक्ति एक साथ अधिकतम गति से यात्रा कर सकते थे। इसके बाद बहुत से गाड़ी बनाने वाली कंपनियों ने विधुत वाहन बनाना प्रारंभ कर दिया। 

सन 1900 से सन 1920 का समय इलेक्ट्रिक गाड़ियों के लिए कॉम्पिटिशन का  समय रहा था। एक तरफ ईंधन (तेल, गैस आदि) से चलने वाली गाड़िया थी तो दूसरी तरफ विधुत  से चलने वाली गाड़ियां  लेकिन इस प्रतिस्पर्धा में ईंधन से संचालित होने वाली गाड़िया आगे निकल गई क्योकि विधुत गाड़ियों में कुछ कमिया थी ,जैसे गाड़िया महँगी ,चार्ज करने में ज्यादा समय लगना तथा विधुत से खतरा। इसके विपरीत ईंधन से संचालित होने वाली गाड़िया सस्ती  तथा आसानी से ईंधन  उपलब्धता की वजह से लोगो की पहली पसंद बनती गई। लेकिन वर्तमान समय में प्रदूषण तथा ईंधन की महंगाई की वजह से विधुत वाहन का प्रचलन बढ़ने लगा है। लोग विधुत वाहन में रूचि लेने लगे है। 

विधुत वाहन का मुख्य भाग 

विधुत वाहन के मुख्य भाग को निम्न भागो में बाटा गया है :
  • बैटरी पैक (Battery Pack)
  • विधुत मोटर (Electric Motor)
  • इन्वर्टर (Invertor)
  • चार्जिंग पॉइंट (Charging Point)
  • बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम(Battery Management System) 
  • पॉवर कण्ट्रोल यूनिट (Power Control Unit)
  • रीजेनरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम (Regenerative Breaking System)

बैटरी पैक क्या है ?

विधुत वाहन में ऊर्जा का मुख्य श्रोत बैटरी पैक ही है। इसमें बहुत से बैटरियों को आपस में जोड़कर एक बैटरी पैक तैयार की जाती है। अधिकांश लिथियम आयन सेल का उपयोग बैटरी पैक तैयार करने के लिए किया जाता है। क्योकि लिथियम आयन बैटरी को पुनः दुबारा चार्ज किया जा सकता है और इनका जीवन काल भी जयादा होता है। इन बैटरी पैक में संचित विधुत ऊर्जा से मोटर को संचालित किया जाता है जिससे गाडी चलती है। 

विधुत मोटर क्या है ?

विधुत मोटर एक इलेक्ट्रिकल मशीन है जो विधुत ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में परिवर्तित करता है। विधुत वाहन में विधुत मोटर ही बैटरी पैक में निहित ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में परिवर्तित करता है जिससे पहिया घूमता है। जब गाड़ी को त्वरित करना होता है तब विधुत मोटर बैटरी पैक से ऊर्जा प्राप्त करता है लेकिन जब गाड़ी को रोकने के लिए ब्रेक लगाया जाता है तब यह जनित्र की तरह कार्य करता है और बैटरी पैक को ऊर्जा देने लगता है जिससे बैटरी चार्ज होने लगती है। विधुत वाहन में निम्न प्रकार के विधुत मोटर का उपयोग किया जाता है :
  • डीसी सीरीज मोटर (DC Series Motor )
  • ब्रस लेस डीसी मोटर (BLDC Motor )
  • परमानेंट मैगनेट सिंक्रोनस मोटर (Permanent Magnet Motor)
  • थ्री फेज इंडक्शन मोटर (Three Phase Induction Motor)
  • स्विच रिलक्टेंस मोटर (Switch Reluctance Motor) 

इन्वर्टर क्या है ?

इन्वर्टर एक ऐसा विधुत परिपथ है जो डीसी विधुत को प्रत्यावर्ती विधुत धारा में परिवर्तित करता है। इन्वर्टर के मदद से ईच्छानुसार आवृति (फ्रीक्वेंसी) की प्रत्यावर्ती विधुत धारा उत्पन्न किया जा सकता है। जिन विधुत वाहन में थ्री फेज इंडक्शन मोटर का उपयोग किया जाता है उसमें इन्वर्टर का उपयोग किया जाता है क्योकि इंडकशन मोटर की गति को फ्रीक्वेंसी के मदद से नियंत्रित किया जा सकता है। 

चार्जिंग पॉइंट क्या है ?

जैसे पेट्रोल से चलने वाली गाड़ियों में ईंधन को टैंक में डालने के लिए एक छिद्र होता है ठीक उसी प्रकार विधुत वाहन को चार्ज करने के लिए चार्जिंग पॉइंट होता है। इस चार्जिंग पॉइंट पर चार्जर द्वारा गाड़ी जोड़ा जाता है। 

बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम क्या है ?

यह एक विधुत परिपथ है जो बैटरी पैक तथा बाहरी चार्जर के बीच संबंध स्थापित करता है। गाड़ी को जब बाहरी चार्जर से चार्ज होने के लिए जोड़ा जाता है तब उस समय चार्जर से बैटरी पैक को कितनी विधुत धारा चाहिए इसके लिए जरुरी निर्देश (Command) BMS ही चार्जर को देता है। जब तक BMS सिस्टम प्रॉपर तरीके से चार्जर के साथ कम्यूनिकेट नहीं करता तब तक गाड़ी चार्ज नहीं होती है। 

पावर कण्ट्रोल यूनिट क्या है ?

यह भी एक बहुत चालक माइक्रोप्रोसेसर आधारित विधुत परिपथ (Circuit) है जो बैटरी पैक तथा गाड़ी के पहियों के बीच ऊर्जा परवाह को मॉनिटर करता है। गाड़ी से सम्बंधित सभी प्रकार के पैरामीटर (स्पीड ,बैटरी का वोल्टेज,बैटरी से ऊर्जा परवाह की दिशा आदि ) इस यूनिट द्वारा ही मॉनिटर होते है। 

रीजेनरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम क्या है ?

यह एक प्रकार का ब्रेकिंग सिस्टम है जिसका उपयोग विधुत वाहन के गति को धीमा करने के लिए किया जाता है लेकिन यह साधारण ब्रेकिंग  सिस्टम से अलग है। साधारण ब्रेकिंग सिस्टम में ब्रेकिंग के दौरान गतिज ऊर्जा घर्षण के रूप में बर्बाद हो जाती है लेकिन रीजेनरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम में ब्रेकिंग के दौरान विधुत मोटर जनरेटर की तरह कार्य करने लगता है जिससे गतिज ऊर्जा पुनः विधुत ऊर्जा में परिवर्तित होकर बैटरी को चार्ज करने लगता है जिससे विधुत वाहन की दक्षता बढ़ जाती है। 

विधुत वाहन के लाभ क्या है ?

  • यह प्रदूषण मुक्त है। इससे पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं है। 
  • इसमें जैविक ईंधन की जरुरत है। 
  • इन गाड़ियों का  मेंटेनेंस खर्च बहुत ही कम है। लगभग न के बराबर। 
  • इसकी दक्षता (efficiency)बहुत ही अधिक है।
  • विधुत वाहन द्वारा परिवहन खर्च बहुत ही कम है। 

विधुत वाहन के नुकसान क्या है ?

  • इन गाड़ियों से आप लंबी दुरी तय नहीं कर सकते है। 
  • विधुत वाहन महँगी होती है। 
  • विधुत वाहन में उपयोग होने वाली बैटरी महँगी होती है। 
  • इनको चार्ज करने में ज्यादा समय लगता है।

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