सामान्य तापमान पर किसी चालक या अर्द्धचालक(Conductor or Semiconductor) के सिरों को किसी बैटरी के टर्मिनल से जोड़कर जब वोल्टेज को आरोपित किया जाता है तो चालक या अर्द्धचालक के अंदर एक विधुत क्षेत्र उत्पन्न हो जाता है जिससे इसमें उपस्थित फ्री इलेक्ट्रान बैटरी के पॉजिटिव टर्मिनल के तरफ चलने लगते है।
बैटरी के पॉजिटिव टर्मिनल के ओर भागने वाले इलेक्ट्रान चालक या अर्द्धचालक के परमाणुओं से टकराते रहते है जिससे इनके चलने की दिशा बदलती रहती है लेकिन बाह्य विधुत क्षेत्र (Electric Field) के कारण ये सीधी रेखा में बैटरी के पॉजिटिव टर्मिनल के तरफ चलते है।
इलेक्ट्रान के इस प्रकार चलने के कारण चालक या अर्द्धचालक के अंदर एक विधुत धारा (Electric Current) का प्रवाह होने लगता है। चूँकि यह विधुत धारा इलेक्ट्रान ड्रिफ्टिंग के कारण प्रवाहित होता है इसलिए इसे Drift Current कहते है। इलेक्ट्रान जिस स्पीड से चलते है उस स्पीड को Drift Velocity कहते है। अर्द्धचालक या चालक में प्रवाहित धारा की दिशा हमेशा इलेक्ट्रान के चलने के दिशा के विपरीत होता है।
Diffusion Current क्या होता है? (What is Diffusion Current?)
सामान्य तौर पर यह देखा गया है की किसी भी चालक में विधुत धारा का प्रवाह फ्री इलेक्ट्रान के कारण होता है। जब चालक के सिरों के बीच कोई विभवांतर आरोपित किया जाता है तब चालक में मौजूद फ्री इलेक्ट्रान बैटरी के नेगेटिव टर्मिनल से निकल कर चालक से होते हुए बैटरी के पॉजिटिव टर्मिनल के तरफ चलते है। जिसे Drift Current कहते है।
यह प्रक्रिया केवल चालक या अर्द्धचालक में सामान्य तापमान पर होता है। परन्तु एक अशुद्ध अर्द्धचालक (P-Type या N-Type) में Drift Current के अतिरिक्त एक और धारा का भी प्रवाह होता है। जिसे Diffusion Current कहते है। अशुद्ध अर्द्धचालक में Diffusion Current आवेश ( होल्स ) के ट्रांसपोर्टेशन के कारण होता है। आवेश के ट्रांसपोर्टेशन के क्रिया को Diffusion कहते है।
Diffusion की प्रक्रिया को समझने के लिए हम एक उदाहरण लेते है।इसके लिए P-Type अर्द्धचालक लेते है। इस अर्द्धचालक के अंदर होल तथा इलेक्ट्रान का बटवारा एक सामान (Uniform) न होकर असमान है। अर्द्धचालक के एक सिरे की ओर positively Charge होल की संख्या बहुत ज्यादा है तथा दूसरे सिरे की तरफ कम।
अर्द्धचालक के जिस सिरे के तरफ होल की संख्या बहुत ज्यादा है उस तरफ के होल एक दूसरे होल के कारण एक विकर्षित बल का अनुभव करने लगते है तथा अपने आप को एक ऐसे क्षेत्र में ले जाने की कोशिश करते है जिस क्षेत्र में होल की संख्या कम है। आवेश के इस तरह एक ज्यादा होल वाले क्षेत्र से कम होल वाले क्षेत्र में जाने की प्रक्रिया Diffusion कहलाती है और होल (Holes) के चलने के कारण जो विधुत धारा प्रवाहित होती है उसे Diffusion Current कहते है।
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