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CHADEMO : परिभाषा ,इतिहास तथा उपयोग - हिंदी इलेक्ट्रिकल डायरी

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CHADEMO क्या है ?

यह विधुत वाहन के लिए फ़ास्ट चार्जिंग सिस्टम है। इस चार्जिंग सिस्टम को 2010 में पांच प्रमुख जापानी वाहन निर्माताओं तथा टोक्यो इलेक्ट्रिक पावर कंपनी द्वारा विकसित किया  गया। CHADEMO का पूर्ण रूप CHarge De MOve है जिसका हिंदी में अर्थ होगा चलने के लिए चार्ज करो। इस वाक्य को जापानी वाक्यांश ''o CHA deMO ikaga desuka'' से लिया गया है। इसका अर्थ हुआ की एक कप चाय पीने में जितना समय लगता है उतने ही समय में वाहन चार्ज हो जाएगी। 
2014 के बाद यूरोपियन यूनियन में उपयोग होने वाली फ़ास्ट चार्जिंग सिस्टम CCS ,चाइनीज़ चार्जिंग सिस्टम GB/T तथा यूरोप के बाहर टेस्ला के सुपरचार्ज सिस्टम के प्रतिस्पर्धा CHADEMO  चार्जिंग सिस्टम काम करता है। 

यह चार्जिंग सिस्टम जापान में बहुत ही ज्यादा उपयोग किया जाता है लेकिन अब जापान के बाहर कुछ वाहन निर्माता इस फ़ास्ट चार्जिंग सिस्टम का उपयोग कर रहे है। 
पहली पीढ़ी के CHADEMO चार्जिंग सिस्टम अधिकतम 500 V DC तथा 125 A DC विधुत धारा पर 62.5KW विधुत शक्ति डिलीवर करते थे। इसे कई अंतरराष्ट्रीय वाहन चार्जिंग मानकों में शामिल किया गया है।

दूसरी पीढ़ी के CHADEMO चार्जिंग सिस्टम में चार्जर 1000 V DC तथा 400 A DC विधुत धारा पर 400 KW विधुत शक्ति डिलीवर कर सकते है। वर्तमान समय में चाडेमो एसोसिएशन तथा चाइना इलेक्ट्रिसिटी कॉउन्सिल एक साथ मिलकर थर्ड जनरेशन के चार्जिंग सिस्टम ChaoJI का निर्माण कर रहे है जिसकी अधिकतम क्षमता 900 KW होगी। 

CHADEMO की शुरुवात कब हुई ?

2006 से 2009 के बीच में टोकियो इलेक्ट्रिक पावर कम्पनी (TEPCO)ने निसान मितसाबुसि ,सुबारू जैसे अन्य दूसरे कर निर्माता कंपनियों के साथ मिलकर विधुत वाहन के  चार्जिंग के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने के लिए बहुत से प्रयोग किये  जिसके फलस्वरूप CHADEMO अस्तित्व में आया। 2009 में पहली बार CHADEMO एसोसिएशन ने कमर्शियल चार्जिंग सिस्टम को पब्लिक के लिए बाजार में उत्तारा। CHADEMO ने पहली बार डीसी (DC) फ़ास्ट चार्जर बनाया जिससे सभी ब्रांड की गाड़िया आसानी से चार्ज हो सकती थी। 

2014 में इंटरनेशनल एलेक्ट्रोटेक्नीकल कमिशन(IEC) ने CHADEMO के चार्जिंग सिस्टम (कोड IEC-61851-23),संचार प्रणाली कम्युनिकेशन (कोड IEC-61851-24 ) तथा कनेक्टर (कोड IEC-62196-3) को इंटरनेशनल EV चार्जिंग स्टैण्डर्ड घोषित कर दिया। 

उस वर्ष बाद में आगे चलकर, यूरोपीय इलेक्ट्रोटेक्निकल मानकीकरण (EN) समिति ने CHADEMO को स्टैण्डर्ड चार्जिंग के रूप में प्रकाशित कर दिया।इसके बाद 2016 में इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर्स (IEEE) ने भी CHADEMO को स्टैण्डर्ड EV चार्जिंग की मान्यता दे दिया।  

2013 में CHAdeMO को अंतर्राष्ट्रीय रूप से अपनाने के लिए एक बड़ा झटका लगा जब यूरोपीय कमीशन ने यूरोप में डीसी हाई-पावर चार्जिंग के लिए  नई फ़ास्ट चार्जिंग सिस्टम CCS-2 को अनिवार्य  कर दिया।इसके बाद यूरोपीय संसद ने जनवरी 2019 तक सभी CHAdeMO चार्जिंग सिस्टम को हटाने पर विचार करने का प्रस्ताव दे दिया।  

कुछ भी हो ,चाडेमो दुनिया का पहला फ़ास्ट चार्जिंग सिस्टम था जिसे दुनिया में विधुत वाहन चार्ज करने के लिए उपयोग किया जाता था। वर्तमान समय में ,जापान में निर्मित एवं चलने वाली लगभग सभी विधुत वाहन में चाडेमो का उपयोग किया जाता है। होंडा चाडेमो एसोसिएशन का पहला मेंबर था जिसने अपने उन सभी गाड़िया से चाडेमो चार्जिंग सिस्टम को हटा दिया जो जापान से बाहर बिकती है। इसके बाद निसान ,टोयटा सुबारू तथा अन्य दूसरी कम्पनिया भी जापान से बाहर बिकने वाली सभी गाड़ियों से चाडेमो चार्जिंग सिस्टम को हटा दिया और इनके स्थान पर CCS चार्जिंग सिस्टम का उपयोग करने लगे है। 

CHADEMO टेक्नोलॉजी में चार्जिंग प्रक्रिया कैसे संपन्न होती है?

एक बार वाहन मालिक अपने विधुत वाहन को चार्जर से कनेक्ट करता है उसके बाद EV अपने बैटरी से सम्बंधित सभी प्रकार की जानकरी जैसे वोल्टेज तथा करंट लिमिट ,बैटरी पैक की कुल क्षमता इत्यादि सभी प्रकार की पैरामीटर को चार्जर के साथ साझा करती है। इसके बाद चार्जर खुद से प्रवाहित होने वाली अधिकतम वोल्टेज तथा करंट की जानकारी EV के साथ साझा करता है। 

EV तथा चार्जर के बीच ये सभी जानकारी CAN BUS द्वारा साझा की जाती है। चार्जर द्वारा मिली जानकारी से ,EV जब संतुष्ट हो जाती है तब EV के इनलेट में चार्जर के  कनेक्टर को EV द्वारा लॉक कर दिया जाता है। चार्जर का कनेक्टर जब लॉक हो जाता है तब चार्जर इंसुलेशन तथा ग्राउंड टेस्ट करता है। अगर इस टेस्ट के दौरान किसी प्रकार का इंसुलेशन फेलियर मिलता है तब चार्जर अपने डिस्प्ले पर एरर मैसेज दिखाने लगता है। इसके विपरीत यदि किसी प्रकार का कोई फेलियर नहीं मिलता है तब चार्जर से विधुत ऊर्जा प्रवाह EV के बैटरी के तरफ होने लगता है। 
चार्जिंग के दौरान प्रत्येक 0.1 सेकंड बाद EV आवश्यक करंट की जानकारी CAN BUS के माध्यम से चार्जर को पहुंचते रहती  है और चार्जर इस जानकारी के आधार पर आवश्यक विधुत धारा की मात्रा को भेजता रहता है। EV हर क्षण बैटरी से सम्बंधित पैरामीटर (जैसे वोल्टेज ,करंट ,तापमान आदि ) को मॉनिटर करता रहता है। चार्जिंग के दौरान किसी प्रकार की समस्या उत्पन्न  होती है तब EV चार्जिंग प्रक्रिया निम्न चार तरीके से रोक सकती है :
  • CAN Bus से शून्य करंट की मैसेज भेजकर  कर 
  • CAN Bus से एरर मैसेज भेजकर 
  • बैटरी के कनेक्टर को ओपन कर 
  • चार्जिंग सिग्नल को बंद कर 
इसके अतिरिक्त चार्जर भी अपने वोल्टेज ,करंट अतः आंतरिक तापमान को लगातार मॉनिटर करता रहता है। चार्जिंग के दौरान चार्जर में कोई समस्या उत्पन्न होती है उस दशा में चार्जर EV को एरर सिंग्नल भेजकर चार्जिंग प्रक्रिया को बंद कर देता है। चार्जर अपने तरफ से चार्जिंग प्रक्रिया को उनके तरीके से बंद कर सकता है। जैसे :
  • अपने कनेक्टर को ओपन कर 
  • चार्जर के अंदर लगे हुए कनवर्टर के सिग्नल को बंद कर 
  • अपने मुख्य MCB को बंद कर  

चाडेमो का उपयोग 

चाडेमो तकनीक के मदद से पुरे दुनिया में फ़ास्ट चार्जर बनाये जा रहे है। यह दुनिया का पहला फ़ास्ट चार्जर है। किसी विधुत वाहन को 0 से 80 प्रतिशत तक चार्ज करने में 20 से 25 मिनट का समय लगता है। 

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