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Power generation,Transmission and Distribution In Hindi

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Generation of electrical Power - विधुत ऊर्जा का उत्पादन किसी दूसरे ऊर्जा श्रोत से होता है। हमारे इस प्रकृति में ऊर्जा के बहुत सारे श्रोत उपलब्ध है। इन ऊर्जा श्रोतो में निहित ऊर्जा को विधुत ऊर्जा में बदलने के लिए हमारे पास कुछ तकनीक उपलब्ध है। 

हम ऊर्जा के दूसरे रूप को विधुत ऊर्जा में बदलने के लिए इलेक्ट्रो मैकेनिकल ऊर्जा परिवर्तन (electro-mechanical energy conversion method) का सर्वाधिक उपयोग करते है। इस मेथड में कोयला ,पेट्रोलियम ,प्राकृतिक गैस आदि में निहित ऊर्जा को निकालकर विधुत ऊर्जा में परिवर्तित किया जाता है। 

एलेक्ट्रो-मैकेनिकल ऊर्जा परिवर्तन विधि में एक synchronous जनरेटर का उपयोग किया जाता है। यह जनरेटर एक टरबाइन से जुड़ा होता है। टरबाइन को जब कोयला ,पेट्रोलियम गैस आदि के जलने के बाद उत्पन ऊष्मा मिलती है तब यह टरबाइन जनरेटर को घूमाता है जिससे  जनरेटर द्वारा इलेक्ट्रिसिटी उत्पन्न होती है। इस प्रक्रिया द्वारा इलेक्ट्रिसिटी उत्पन्न करना एक बहुत ही जटिल (complex) काम है। इसमें एक बहुत बड़ी पूंजी लगाती है।
generation of electrical power

विधुत ऊर्जा उत्पन्न करने के दौरान होने वाले operating cost की गणना इसमें उपयोग होने वाले ईंधन तथा पावर स्टेशन के दक्षता (efficiency)पर निर्भर करती है। आज पॉवर  स्टेशन को ऐसे डिज़ाइन किया जा रहा है की इसकी दक्षता उच्च हो तथा ऑपरेटिंग कॉस्ट काम से काम हो। 

पॉवर स्टेशन में विधुत ऊर्जा उत्पन्न होने के बाद ,उपयोग हेतु पॉवर स्टेशन से दूर शहरो तथा औद्योगिक (industrial area)क्षेत्रो में भेजा जाता है। विधुत ऊर्जा को पावर स्टेशन से सुदूर भेजना बहुत ही कठिन काम है। इसके के लिए ट्रांसमिशन लाइन की डिजाइनिंग करनी पड़ती है। ट्रांसमिशन लाइन डिज़ाइन करना एक बहुत ही जटिल काम है। इलेक्ट्रिकल पावर को दो तरह के ट्रांसमिशन लाइन से ट्रांसमिट किया जा सकता है।
पावर स्टेशन में इलेक्ट्रिकल पावर जेनेरेट होने के बाद पावर ग्रिड को भेजी जाती है इसके बाद इसे सबस्टेशन को भेजा जाता है। सबस्टेशन के बाद यह गांव ,शहर आदि में उपयोग हेतु ग्राहकों को दी जाती है। 

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