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Buck कनवर्टर सर्किट कार्य प्रणाली | Buck कनवर्टर कैसे कार्य करता है ?

Buck कनवर्टर क्या है ? Buck Converter एक प्रकार का DC से DC कन्वर्टर है जो High Voltage DC  को  लो वोल्टेज  डीसी  में बदलता है। इसे स्टेप-डाउन कन्वर्टर भी कहते है क्योंकि यह वोल्टेज को घटाता है।  Buck कनवर्टर के मुख्य कॉम्पोनेन्ट  बक कनवर्टर को पूर्ण रूप से समझने के लिए उसमे उपयोग होने वाले कॉम्पोनेन्ट के बारे में जानना चाहिए। बक कनवर्टर के निर्माण में निम्न कॉम्पोनेन्ट उपयोग होते है  इनपुट वोल्टेज (Vin): जहाँ से हाई वोल्टेज दिया जाता है। स्विच (MOSFET या ट्रांजिस्टर): ऑन और ऑफ होता है जिससे वोल्टेज को कंट्रोल किया जाता है। डायोड (Diode): स्विच OFF होने पर करंट को सही दिशा में बहने देता है। इंडक्टर (L): करंट को स्मूथ बनाता है और एनर्जी स्टोर करता है। कैपेसिटर (C): वोल्टेज को फिल्टर करता है ताकि आउटपुट स्थिर रहे। लोड (Load): जहाँ बिजली की जरूरत होती है, जैसे कोई सर्किट या डिवाइस। बक कैसे काम करता है? Buck Converter बहुत ही तेज़ी से ON और OFF होता है  जब स्विच ON होता है (Ton): इनपुट वोल्टेज सीधा इंडक्टर और लोड को मिलता है। इंडक्टर एन...

बसबार प्रोटेक्शन इंटरफ़ेस( BPI) क्या है तथा कैसे कार्य करता है ?

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बसबार प्रोटेक्शन इंटरफेस बसबार सबस्टेशन का एक महत्वपूर्ण भाग होता है जो विभिन्न फीडर या लाइन और उपकरण को आपस मे जोड़ता है। बसबार प्रोटेक्शन इंटरफ़ेस  का उद्देश्य बसबार और उससे जुड़े सर्किट्स को फॉल्ट जैसे शॉर्ट सर्किट से सुरक्षा प्रदान करना होता है इसलिए बसबार प्रोटेक्शन इंटरफेस (BPI) का उपयोग सबस्टेशन में  किया जाता है। बसबार प्रोटेक्शन इंटरफेस (BPI) का परिचय यह एक इंटरफेस होता है जो बसबार प्रोटेक्शन सिस्टम को सबस्टेशन के अन्य  सुरक्षा प्रदान करने वाले उपकरण जैसे सर्किट ब्रेकर, करंट ट्रांसफॉर्मर आदि) से जोड़ता है। फॉल्ट डिटेक्शन और ट्रिप कमांड देने के लिए बसबार प्रोटेक्शन सिस्टम और सबस्टेशन के अन्य कंट्रोल उपकरणों के बीच डेटा का आदान-प्रदान करता है। बसबार प्रोटेक्शन इंटरफ़ेस  की  विशेषता BPI तेज़ी से फॉल्ट को डिटेक्ट करता  है तथा सर्किट ब्रेकर को ट्रिप होने का सिग्नल देता है। करंट और वोल्टेज ट्रांसफॉर्मर से डेटा प्राप्त करके फॉल्ट की सही लोकेशन और प्रकार का पता लगाता  है। BPI को  SCADA और रिले प्रोटेक्शन सिस्टम्स के साथ जोड़कर रीयल-टाइम जानकारी प्र...

विधुत सबस्टेशन में आइसोलेटर क्या होते है तथा कितने प्रकार के होते है।

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आइसोलेटर क्या होते है ? आइसोलेटर  एक विद्युत स्विचिंग डिवाइस है जो सबस्टेशन और पावर सिस्टम में सुरक्षा और संचालन के लिए उपयोग होते है। इसे डिसकनेक्ट स्विच Disconnect Switch भी कहते है। इसका मुख्य कार्य विधुत सर्किट को सुरक्षित रूप से अलग  करना है। यह उपकरण उच्च वोल्टेज सबस्टेशन और ट्रांसमिशन लाइन में व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। आइसोलेटर का कार्य आइसोलेटर का प्राथमिक कार्य विधुत प्रवाह को पूरी तरह से बंद करना तथा  पावर सर्किट को भौतिक रूप से अलग करना है। यह सर्किट में  लोड तहा विधुत श्रोत को आपस में जोड़कर रखता है। विधुत लोड तथा विधुत ऊर्जा श्रोत के बीच ऊर्जा परवाह को रोकने  या  ऊर्जा परवाह को स्टार्ट करने के लिए  आइसोलेटर को ऑपरेट किया जाता है। पावर स्टेशन या सबस्टेशन में  आइसोलेटर ट्रांसफार्मर के आउटगोइंग टर्मिनल तथा बसबार के बीच जुड़े हुए होते है।  जब सबस्टेशन में कोई अस्थिरता उत्पन्न होती है उस समय  आइसोलेटर ट्रांसफार्मर तथा बसबार के बीच डिसकनेक्ट होकर ऊर्जा प्रवाह को रोक देता है।  आइसोलेटर को आप एक स्विच की तरह समझ सकते है ल...

WIP स्विच क्या है?

WIP स्विच क्या है? WIP स्विच का पूरा नाम Work In Progress Switch  है। यह एक ऐसा स्विच है जिसका उपयोग औद्योगिक, वाणिज्यिक और तकनीकी क्षेत्र में किया जाता है। यह स्विच किसी उपकरण प्रक्रिया या मशीन में कार्य की प्रगति को नियंत्रित करने तथा संकेत देने या किसी विशेष स्थिति को संभालने के लिए डिज़ाइन किया गया है। WIP स्विच के उपयोग WIP स्विच का उपयोग निम्न है : उद्योग में नियंत्रणउत्पादन प्रक्रिया मे प्रगति को ट्रैक करने के लिए मशीन को स्वचालित रूप से चालू या बंद करने के लिए सुरक्षा के लिए किसी प्रक्रिया के दौरान मैन्युअल हस्तक्षेप की आवश्यकता को कम करने के लिए गलत संचालन से बचाव के लिए प्रगति की निगरानी यह संकेत देता है कि किसी कार्य का कौन सा चरण पूरा हो चुका है और अगले चरण को शुरू करने की आवश्यकता है। WIP स्विच के लाभ  स्विच का उपयोग करके मशीन और उपकरण को ऑटोमेट किया जा सकता है। स्विच के माध्यम से प्रक्रियाओं को तेज और कुशल बनाया जा सकता है। स्विच सही समय पर कार्य करता है जिससे त्रुटि की संभावना कम हो जाती है। WIP स्विच कैसे काम करता है? यह स्विच सेंसर, सिग्नल और पावर सप्लाई के मा...

सर्किट ब्रेकर में उत्पन्न होने आग की चिंगारी को कैसे बुझाते है ?

सर्किट ब्रेकर में आग की चिंगारी कैसे उत्पन्न होती है ? जब सर्किट ब्रेकर में विधुत धारा वहन करने वाले कांटेक्ट थोड़े समय के लिए अलग होते है तब  उनके बीच आग की लपटे या चिंगारी देखने को मिलती है। चूँकि यहाँ उत्पन ऊर्जा आग के रूप में होती है इसलिए यह खतरनाक होती है। अगर इन्हे नियंत्रित नहीं किया गया तब ये विस्फोट हो सकती है जिससे बड़ा नुकसान हो सकता है। जब दोनों कांटेक्ट एक दूसरे से अलग होते है उस वक्त उनके बीच बहुत ज्यादा वोल्टेज ग्रेडिएंट उत्पन्न हो जाता है जो उनके बीच मौजूद वायु के परमाणुओं पर एक विधुत बल आरोपत करता है जिससे इलेक्ट्रान निकलने लगते है जो आग की लपट या चिंगारी के  रूप में दिखाई देते है।  वैसे सर्किट ब्रेकर का निर्माण इस प्रकार से किया जाता है की यह उत्पन्न होने वाली आग के लपटों पर आसानी से काबू पा  लेता है किसी भी प्रकार के दुर्घटना के संभावना को समाप्त कर देता है। ए०सी तथा डीसी दोनों प्रकार के करंट के कारण कांटेक्ट के बीच चिंगारी उत्पन्न होती है। डीसी करंट की तुलना में ए०सी करंट से उत्पन्न होने वालीआग की लपट नियंत्रित करना आसान होती है क्योकि ए०सी करंट एक...

ब्रिक क्या है ? परिभाषा , प्रकार , स्टैण्डर्ड साइज तथा उपयोग - हिंदी इलेक्ट्रीकल डायरी

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ब्रिक क्या है ? ब्रिक जिसे हिंदी मे ईंट कहते है एक प्रकार का  बिल्डिंग मटेरियल है जिसका उपयोग मकान की दीवारे, खंभे, फर्श और अन्य स्थायी ढांचे  बनाने के लिए किया जाता है  बनाने के लिए किया जाता है। इसका निर्माण मिटटी , सीमेंट , रेत आदि से किया जाता है। सामान्यतः यह आयताकार होती है।  ब्रिक के डायमेंशन का महत्व बिल्डिंग निर्माण में ईंट के आकार का बहुत ही महत्व है। जबसे ब्रिक की खोज हुई है तब से इसका उपयोग मकान बनाने के अतिरिक्त अन्य दूसरे कामो में होता रहा है और विभिन्न कामो में विभिन्न प्रकार के ईंट का उपयोग किया जाता है। दुनिया भर के अलग अलग देश में ब्रिक की साइज़ भिन्न भिन्न होती है। निचे विभिन्न प्रकार के ब्रिक तथा उनके साइज दिए गए है : विभिन्न प्रकार के ईंट  Modular Brick: इस ब्रिक में Mortar के मोटाई को ईंट के डायमेंशन के साथ जोड़ा जाता है। मिलीमीटर में मॉडुलर ब्रिक की डायमेंशन    (194 x 92 x 57) (​7 5⁄8 × ​3 5⁄8 × ​2 1⁄4 inches). Modular Economo : इस ब्रिक का डायमेंशन निम्न है :194 x 92 x 92 Engineering Brick:  वैसे स्थान जहा विशेष प्रकार की मज...

वर्ग क्या होता है : परिभाषा , क्षेत्रफल तथा परिमाप सूत्र - हिंदी इलेक्ट्रिकल डायरी

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वर्ग किसे कहते है ? वर्ग ज्यामिति का एक द्विविमीय(2D) आकार है जिसकी चार भुजाएँ समान लंबाई की होती हैं और चारों कोण समकोण (90°) होते हैं। इसे समचतुर्भुज भी कहते है। इसे निम्न तरीके से भी परिभाषित किया जा सकता है : ऐसा चतुर्भुज जिसकी चारो भुजाएं आपस में बराबर तथा प्रत्येक कोण की मैप 90° हो उसे वर्ग कहते है।  वर्ग के गुण (Properties of Square)  वर्ग के निम्न गुण होते है : वर्ग की सभी चार भुजाओ की लंबाई  एक दूसरे के बराबर होती है।  वर्ग के सभी चार कोण समकोण होते हैं अर्थात प्रत्येक कोण की माप 90 डिग्री होती हैं। ये कोण एक दूसरे को पूरक कोण बनाते है  यानी उनके कोणों का योग 180 डिग्री होता है। वर्ग की आमने-सामने की भुजाएँ न केवल बराबर होती है बल्कि समांतर भी होती है।  वर्ग के दो विकर्ण (विपरीत कोनों को जोड़ने वाली रेखाएँ) एक दूसरे के बराबर होते है। दोनो विकर्ण एक-दूसरे को समकोण पर काटते है और इस काटने वाले बिंदु पर एक-दूसरे को बराबर भागों में विभाजित करते हैं। यदि किसी परिमाप को बनाए रखते हुए किसी भी आकृति का क्षेत्रफल अधिकतम करना हो, तो वह आकृति एक वर्ग ही होगा।...