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Gauss theorem in hindi : परिभाषा ,फार्मूला तथा अनुप्रयोग - हिंदी इलेक्ट्रिकल डायरी

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विधुत फ्लक्स होता है? विधुत क्षेत्र में स्थित किसी पृष्ठ क्षेत्रफल से गुजरने वाली कुल विधुत बल रेखाओ की संख्या को विधुत फ्लक्स कहते  है। यदि विधुत क्षेत्र के किसी बिंदु पर विधुत क्षेत्र ,की तीव्रता E हो तो उस बिंदु पर एक शुक्ष्म आकार के क्षेत्रफल सदिश dA  से गुजरने वाला विधुत फ्लक्स d𝝋 को निम्न तारिके से ज्ञात किया जाता है  जहाँ 𝛳 शुक्ष्म क्षेत्रफल  सदिश dA तथा विधुत क्षेत्र सदिश E के बीच का कोण है। सम्पूर्ण पृष्ठ से होकर गुजरने वाली विधुत फ्लक्स को निम्न तरीके से व्यक्त किया जा सकता है  इस प्रकार  विधुत क्षेत्र में किसी पृष्ठ से संबंध विधुत फ्लक्स उस पृष्ठ पर विधुत क्षेत्र की तीव्रता के पृष्ठ समाकलन के बराबर होता है।    विधुत फ्लक्स का मात्रक तथा विमा   चूँकि विधुत फ्लक्स एक भौतिक राशी है इसलिए इसका मापन जरुरी है। विधुत फ्लक्स के मात्रक को निम्न तरीके से व्यक्त किया जा सकता है  विधुत फ्लक्स =  EACos𝛳 विधुत फ्लक्स का मात्रक =E का मात्रक X क्षेत्रफल A का मात्रक  विधुत फ्लक्स का मात्रक   = (N/C ) x  m 2 विधुत ...

Lorentz force in hindi : परिभाषा ,सूत्र तथा अनुप्रयोग - हिंदी इलेक्ट्रिकल डायरी

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 लॉरेंज बल किसे कहते है? किसी विधुत चुंबकीय क्षेत्र में ,चुंबकीय क्षेत्र तथा विधुत क्षेत्र द्वारा आवेश पर लगने वाले विधुत चुम्बकीय बल को लॉरेंज बल कहते है। इसे विधुत चुंबकीय बल भी कहा जाता है। 1895 में हेंड्रिक लॉरेंज इसकी आधुनिक फार्मूला को बनाया था। लॉरेंज बल विधुत चुंबकीय क्षेत्र में गति कर रहे आवेशित कण पर कार्य करता है।  लॉरेंज बल का सूत्र क्या है? माना की q आवेश का एक कण v वेग से एक विधुत चुंबकीय क्षेत्र में गति कर रहा है। इस विधुत चुंबकीय क्षेत्र की चुंबकीय तीव्रता B तथा विधुत क्षेत्र तीव्रता E है। विधुत आवेश पर विधुत क्षेत्र तथा चुंबकीय क्षेत्र द्वारा आरोपित बल का परिमाण निम्न है : विधुत क्षेत्र के कारण बल   चुम्बकीय क्षेत्र के कारण बल  माना की आवेश द्वारा अनुभव किये गए लॉरेंज बल = F  लॉरेंज बल की दिशा क्या होती है? लॉरेंज  बल की दिशा चुंबकीय क्षेत्र (B) तथा वेग सदिश (V) के समतल के लंबवत होती है। इस बल की दिशा को दाए हाथ के नियम से आसनी से ज्ञात किया जा सकता है।   लॉरेंज बल का अनुप्रयोग (Application of Lorentz Force) साइक्लोट्रोन ,बेटाट्रॉ...

Doppler effect in Hindi : परिभाषा ,सूत्र तथा उपयोग - हिंदी इलेक्ट्रिकल डायरी

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 डॉप्लर प्रभाव क्या है? जब किसी ध्वनि श्रोत तथा श्रोता के बीच आपेक्षिक गति होती है तब श्रोता तक पहुचने या सुनाई देने वाली ध्वनि तरंग की  आवृति में परिवर्तन हो जाता है ,सुनाई देने वाली ध्वनि के आवृति में होने वाली इस परिवर्तन को डॉप्लर प्रभाव के नाम से जाना जाता है। परिवर्तन के साथ सुनाई देने वाली ध्वनि के आवृति को आभासी आवृति कहते है। श्रोता को सुनाई देने वाली ध्वनि के मूल आवृति में कमी या वृद्धि हो सकती है।  डाप्लर प्रभाव प्रकाश श्रोत के साथ भी होता है। सामान्यतः प्रकाश श्रोत तथा प्रेक्षक के बीच सापेक्षिक गति होने पर डाप्लर प्रभाव देखने को नहीं मिलता है क्योकि प्रकाश के तुलना में प्रेक्षक की गति बहुत कम होती है। यदि प्रेक्षक प्रकाश गति का 3 प्रतिशत या इससे अधिक गति प्राप्त कर लेता है तब प्रेक्षक को को दिखने वाली प्रकाश के मूल आवृति में परिवर्तन का अनुभव होने लगता है। डाप्लर प्रभाव से ही बिग बैंग की व्याख्या की जाती है। डाप्लर प्रभाव की खोज क्रिस्चियन जोहान डॉप्लर ने किया था।  आभासी आवृति का सूत्र  माना की  ध्वनि की मूल आवृति =  f s  ध्वनि श्रोत ...

Magnet In hindi : परिभाषा .प्रकार तथा उपयोग - हिंदी इलेक्ट्रिकल डायरी

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 चुम्बक क्या होता है? वैसा पदार्थ जो चुंबकीय पदार्थ जैसे लोहा ,कोबाल्ट ,स्टील आदि को अपने तरफ आकर्षित करता है उसे चुम्बक कहते है। चुम्बक को अंग्रेजी में मैगनेट कहा जाता है। चुम्बक अपने चारी तरफ चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न करता है ,जब कोइ  चुंबकीय पदार्थ इस क्षेत्र के संपर्क में आता है तब वह चुम्बक की तरफ आकर्षित होने लगता है। चुंबक का दुसरे पदार्थ को अपने तरफ खीचने का गुण चुम्बकत्व कहलाता है।  चुंबक कितने प्रकार का होता है? चुंबक उपलब्धता के आधार पर दो प्रकार का होता है जो निम्न है :- प्राकृतिक चुम्बक (Natural magnet) कृत्रिम चुंबक (Artificial magnet) प्राकृतिक चुम्बक क्या होता है? वैसा चुंबक जो प्राकृतिक से पाया जाता है उसे प्राकृतिक चुंबक कहते है। लोडस्टोन एक प्राकृतिक चुंबक है। यह लोहा ,कोबाल्ट आदि हल्के चुम्बकीय पदार्थ को अपनी तरफ आकर्षित करता है। लोडस्टोन ,लोहा का अयस्क होता है। इसका रासायनिक सूत्र होता है। प्रकृति से प्राप्त चुम्बक की चुंबकीय शक्ति बहुत कम होती है। इसलिए इसका ज्यादा उपयोग नहीं होता है।  कृत्रिम चुंबक चुम्बक क्या होता है? आज के आधुनिक समय में चुंब...

law of thermodynamics in hindi : परिचय ,प्रकार तथा उदाहरण - हिंदी इलेक्ट्रिकल डायरी

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ऊष्मागतिकी के सिद्धान्त क्या है?  जब हम बल आरोपित कर किसी वस्तु को एक स्थान से दुसरे स्थान तक विस्थापित करते है ,तब वस्तु का वह सतह जो धरती के संपर्क में रहता है गर्म हो जाता है। वस्तु के सतह गर्म होने से हमारा मतलब हुआ की उसका तापमान बढ़ जाता है और तापमान में वृद्धि ऊष्मा की  वजह से होती है। वस्तु पर बल आरोपित कर उसको विस्थापित करने में यांत्रिक कार्य करना पड़ता है और यह कार्य  में परिवर्तित होकर उसके सतह  तापमान को बढ़ा देता है। इससे यह साबित होता है की उर्जा तथा यांत्रिक कार्य के बीच संबंध होता है। उर्जा तथा कार्य के बीच संबंध को आसानी से समझने के लिए कुछ नियम बनाए गए है जिसे उष्मागतिकी  के सिध्दांत कहते है। ऊष्मा गति के ये तीन नियम निम्न है :- उष्मा गतिकी का प्रथम नियम  (First  law of thermodynamics) ऊष्मा गतिकी का द्वितीय नियम (Second  law of thermodynamics) ऊष्मागतिकी का शुन्यकोटि  नियम (Zeroth law of thermodynamics) ऊष्मागतिकी का शुन्यकोटि  नियम क्या है? इस नियम के अनुसार यदि दो वस्तुए(A  तथा B )  एक दुसरे के साथ ऊष्मी...

Boiler In Hindi : परिभाषा ,कार्य तथा प्रकार - हिंदी इलेक्ट्रिकल डायरी

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बायलर क्या होता है? यह एक विशेष प्रकार का बंद बर्तन होता है जिसमे पानी या अन्य दुसरे द्रव को गर्म किया जाता है। यह जरुरी नहीं है कि  बायलर में गर्म किया जाने वाला द्रव गैसीय अवस्था में परिवर्तित हो लेकिन ज्यादातर पानी को भाप  में परिवर्तित करने के लिए ही बायलर का उपयोग किया जाता है। बायलर में  निर्मित वाष्प या भाप का उपयोग विभिन्न प्रकार के कार्यो में किया जाता है। जैसे खाना पकाने में  प्रयोगशाला में ,विधुत उत्पादन में इत्यादि। बायलर का अधिकांशउपयोग थर्मल पॉवर प्लांट तथा  न्यूक्लियर पॉवर प्लांट में विधुत उर्जा के उत्पादन में किया जाता है।  बायलर का कार्य सिध्दांत क्या है? बॉयलर का मूल कार्य सिद्धांत बहुत ही सरल जिसे  आसानी से समझा जा सकता है। बॉयलर एक बंद बर्तन होता है  जिसके अंदर पानी जमा होता है।  कोयला या अन्य दुसरे  इंधन को जलाकर उष्मीय उर्जा उत्पन्न किया जाता है। इस प्रकार इंधन के जलने से जो उष्मीय उर्जा उत्पन्न होती है उसे बायलर के संपर्क में लाया जाता है जहा बायलर में रखा हुआ पानी गर्म होता है और वाष्प में परिवर्तित होता है। जैसे...

thermodynamics in hindi : परिभाषा ,प्रकार तथा उदहारण - हिंदी इलेक्ट्रिकल डायरी

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 उष्मागतिकी किसे कहते है? Thermodynamics को हिंदी में उष्मागतिकी कहते है। ऊष्मा से तात्पर्य है उष्मीय उर्जा तथा गतिकी से तात्पर्य है गति उत्पन्न करना। अर्थात इन दोनों शब्दों को आपस में मिला दे तब इसका मतलब निकलता है की उष्मीय उर्जा से गति उत्पन्न करना ही उष्मागतिकी कहलाता है। हम सभी जानते है की ऊष्मा एक प्रकार की उर्जा होती है और किसी गति करती हुई वस्तु के पास गतिज उर्जा होती है। अर्थात उष्मागतिकी में उष्मीय उर्जा को गतिज उर्जा में परिवर्तित किया जाता है। विज्ञानं में उष्मागतिकी को निम्न तरीके से परिभाषित किया जाता है : उष्मागतिकी विज्ञान की वह शाखा है जिसमे किसी सिस्टम से संबंधित ,उर्जा ,तापमान ,ऊष्मा तथा कार्य का एक दुसरे में परिवर्तन की व्याख्या किया जाता  है।    मोटे तौर पर, थर्मोडायनामिक्स ऊर्जा के एक स्थान से दूसरे स्थान और एक रूप से दूसरे रूप में स्थानांतरण से संबंधित है। थर्मोडायनामिक्स में हमेशा किसी सिस्टम से संबंधित उर्जा ,तापमान आदि की ही व्याख्या करता है। इसलिए यह जरुरी बन जाता है की हमें सिस्टम की समझ हो। बिना सिस्टम के जानकरी के थर्मोडायनामिक्स के मूल...