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उत्तल लेंस: परिभाषा ,प्रकार ,सूत्र तथा उपयोग - हिंदी इलेक्ट्रिकल डायरी

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 उत्तल लेंस किसे कहते है? यह एक विशेष प्रकार का लेंस होता है जो प्रधान अक्ष के समांतर आने वाली प्रकाश किरणों को मुख्य फोकस पर केन्द्रित कर देता है। यह बीच में मोटा तथा दोनों किनारों पर पतला होता है। चूँकि यह प्रकाश किरणों को मुख्य फोकस पर केन्द्रित करता है इसलिए इसे अभिसारी लेंस  भी कहते है। इस लेंस को अंग्रेजी में CONVEX lens कहते है। उत्तल लेंस को निचे दिए चित्र में दिखाया गया है।  उत्तल लेंस कितने प्रकार के होते है? लेंस के बाहरी सतह के आधार पर तीन प्रकार से वर्गीकृत किया गया है जो निम्न है :-  उभयोत्तल लेंस(Double Convex Lens)   समतल उत्तल लेंस(Plano Convex Lens)  अवतलोत्तल लेंस(Concavo Convex Lens)  उत्तल लेंस सूत्र क्या है? उत्तल  लेंस द्वारा बने हुए प्रतिबिम्ब की लेंस से दुरी तथा लेंस से वस्तु  की दुरी ज्ञात करने के लिए एक सूत्र का उपयोग किया जाता है जिसे लेंस सूत्र कहते है। लेंस सूत्र में  वस्तु दुरी ,प्रतिबिम्ब दुरी तथा फोकस दुरी के बीच  में निम्न सम्बन्ध होता है : जिसमे  f = अवतल लेंस की फोकस दुरी है।  v = ...

अवतल लेंस: परिभाषा ,प्रकार तथा उपयोग - हिंदी इलेक्ट्रिकल डायरी

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 Concave लेंस क्या है? इस लेंस को हिंदी में अवतल लेंस कहते है। यह एक विशेष प्रकार का लेंस होता है जो प्रकाश श्रोत से निकलकर आने वाली प्रकाश किरणों को अपसरित कर देता है। अर्थात प्रकाश किरणों को विभिन्न दिशाओ में फैला देता है। इसके दोनों सतह में से कम से कम कोई एक सतह अन्दर की तरफ धंसा रहता है। साधारणतः दोनों सतह अन्दर की तरफ धंसे हुए होते है। जैसे की निचे के चित्र में दिखाया गया है  अवतल लेंस कितने प्रकार के होते है? अवतल लेंस को उसके सतह के आकार के आधार पर मुख्य तिन वर्गों में वर्गीकृत किया गया है जो निम्न है :- उभयावतल लेंस  समतलावतल लेंस  उतलावतल लेंस  अवतल लेंस के लिए चिन्ह परिपाटी  किसी भी लेंस के लिए उसके सामने रखी हुई वस्तु तथा लेंस द्वारा बनाये गए प्रतिबिम्ब की दुरी को ,लेंस के प्रकाशिक केंद्र से मापा जाता है। प्रतिबिम्ब दुरी। वस्तु दुरी तथा प्रतिबिम्ब की प्रकृति का निर्धारण एक प्रचलित परिपाटी द्वारा तय किया जाता है जिसे चिन्ह परिपाटी कहते है जो निम्न है : अवतल लेंस की फोकस दुरी ऋणात्मक होती है।  अवतल लेंस के लिए वस्तु दुरी हमेशा ऋणात्मक होती ह...

गैस टरबाइन प्लांट : परिचय ,कार्य सिध्दांत तथा दक्षता - हिंदी इलेक्ट्रिकल डायरी

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 गैस टरबाइन प्लांट क्या है? सोलर प्लांट को छोड़ दिया जाए तो दुनिया में जितने भी प्रकार के प्लांट है सभी में विधुत उर्जा उत्पादन के लिए अल्टरनेटर का उपयोग किया जाता है और इस अल्टरनेटर को घुमाने के लिए बाहर से प्राइम मुभर की जरुरत पड़ती है। अर्थात पॉवर प्लांट में विधुत उर्जा उत्पादन के लिए सबसे पहले प्राइम मुभर की व्यवस्था की जाती है जिससे अल्टरनेटर को चलाया जाए। गैस टरबाइन प्लांट में उच्च ताप और दाब पर हवा का उपयोग ,अल्टरनेटर को घुमाने के लिए किया जाता है। गैस टरबाइन प्लांट की कार्य विधि बिलकुल स्टीम पॉवर प्लांट के सामान ही होता है लेकिन दोनों में जो मुख्य अंतर होता है वो यह है की स्टीम प्लांट में उच्च दाब पर संपीडित स्टीम (भाप ) का उपयोग अल्टरनेटर को घुमाने के लिए किया जाता है जबकि गैस टरबाइन में उच्च दाब पर संपीडित गैस का उपयोग अल्टरनेटर को घुमाने के लिए किया जाता है।  गैस टरबाइन प्लांट कैसे कार्य करता है? गैस टरबाइन प्लांट में सबसे पहले वायु को एक कंप्रेसर द्वारा उच्च दाब पर संपीडित किया जाता है तत्पश्चात इसे एक Combustion चैम्बर में भेजा जाता है। इस चैम्बर में इंधन के जलने से...

वैक्यूम सर्किट ब्रेकर : परिभाषा ,कार्य सिद्धांत तथा अनुप्रयोग - हिंदी इलेक्ट्रिकल डायरी

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वैक्यूम सर्किट ब्रेकर क्या होता है?  वैक्यूम सर्किट ब्रेकर एक प्रकार का सर्किट ब्रेकर है जिसमे उच्च विधुत धारा के कारण उत्पन्न हुए आग की  लपटों को निर्वात माध्यम में समाप्त किया जाता है। विधुत धारा के प्रवाह को बंद या चालू करने तथा इस प्रक्रिया के दौरान उत्पन्न हुए आग के लपटों समाप्त करने की पूरी प्रक्रिया एक बंद निर्वात चैम्बर में होता है। इसलिए इसे वैक्यूम vacuum circuit ब्रेकर कहा जाता है।  जिस निर्वात क्षेत्र  में आग के लपटों को क्वेंच अर्थात बुझाया जाता है उस वैक्यूम सर्कि ट कहते है। इसमें वैक्यूम का उपयोग इसलिए किया जाता है क्योकि वैक्यूम सबसे बढ़िया इंसुलेटिंग माध्यम का कार्य करता है।  वैक्यूम सर्किट ब्रेकर का  कंस्ट्रक्शन कैसा होता है? अन्य दुसरे circuit ब्रेकर की तुलना में वैक्यूम सर्किट ब्रेकर का कंस्ट्रक्शन बहुत ही साधारण तथा आसान होता है। वैक्यूम सर्किट ब्रेकर में विधुत धारा प्रवाहित करने वाले कांटेक्ट निर्वात में खुलते है। दोनों कांटेक्ट के बीच अलगाव होना तथा उनके बीच उत्पन्न हुए आग के लपटों को समाप्त करने का काम एक निर्वात माध्यम में होता है ज...

विधुत विभव : परिभाषा ,सूत्र तथा अनुप्रयोग - हिंदी इलेक्ट्रिकल डायरी

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 विभव किसे कहते है? जब किसी वस्तु में कार्य करने की योग्यता होती है जिससे वह भविष्य में कार्य कर  विकशित हो सकता है तब कहा जाता है की उस वस्तु के पास  पोटेंशियल है। पोटेंशियल शब्द का उपयोग विज्ञानं से सामाजिक विज्ञानं के क्षेत्र तक किया जाता है।   विधुत विभव किसे कहते है? इकाई आवेश को किसी विधुत क्षेत्र में अनंत से एक निश्चित बिंदु तक लाने में किए गए कार्य के परिमाण को उस बिंदु पर आवेश का विभव कहते है।यह एक अदिश राशी है जिसका SI मात्रक वोल्ट(V) होता है। इसे अंग्रेजी में Electric Potential कहा जाता है। इकाई आवेश को अनंत से लाने में जो कार्य किया जाता है वह कार्य उस आवेश के सिस्टम में स्थितिज उर्जा के रूप में संरक्षित हो जाता है। इस उर्जा के कारण उस आवेश में कार्य करने की क्षमता विकसित हो जाती है। यदि Q कूलम्ब आवेश को अनंत से किसी बिंदु तक लाने में किये गए कार्य  की मात्रा W जूल है तब उस बिंदु पर विभव V को निम्न तरीके से व्यक्त किया जायेगा।  विधुत विभव का मात्रक क्या होता है? चूँकि विभव कार्य तथा आवेश का अनुपात है इसलिए इसका मात्रक भी  कार्य के मा...

त्वरण : परिभाषा , प्रकार , सूत्र तथा उदहारण - हिंदी इलेक्ट्रिकल डायरी

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 त्वरण क्या होता है? गति करती हुई किसी वस्तु के वेग में समय के साथ होने वाली परवर्तन को त्वरण कहते है। त्वरण को अंग्रेजी में Acceleration कहा जाता है। वस्तु के वेग में परिवर्तन होने का मतलब हुआ की उसका वेग बढ़ भी सकता है और घट भी सकता है। वस्तु का वेग बढे या घटे दोनों दशा में वस्तु त्वरित होती है। इसके अतिरिक्त यदि वस्तु के चाल की  दिशा में भी परिवर्तन हो तब भी उसे त्वरण कहते है। इसे संक्षेप में निम्न तरीके से परिभाषित किया जा सकता है  गति करती हुई वस्तु के वेग परिवर्तन के दर को त्वरण कहते  है।   त्वरण ज्ञात करने  का सूत्र क्या है? गति करती हुई वस्तु का त्वरण ज्ञात करने के लिए एक समीकरण का उपयोग किया जाता है जिसे त्वरण का सूत्र कहते है। चूँकि त्वरण वेग परिवर्तन का दर होता है। इसलिए इसको ज्ञात करने करने के लिए किसी दिए गए समय अन्तराल में वेग में होने वाली परिवर्तन को ज्ञात करना जरुरी होता है जैसे :- माना की वस्तु का प्रारंभिक वेग = u  t समय बाद वस्तु का वेग = v  माना की वस्तु का त्वरण a है तब इसके परिभाषा से निम्न तरीके से व्यक्त किया जा सकता ह...

त्रुटि : परिभाषा ,विभिन्न प्रकार के त्रुटी ,सूत्र तथा उदहारण - हिंदी इलेक्ट्रिकल डायरी

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 एरर क्या होता है? विज्ञानं तथा इंजीनियरिंग में मापन का बहुत ही महत्व है। इंजीनियरिंग में उपयोग की जाने वाली सभी प्रकार के भौतिक राशियों को मापना बहुत ही जरुरी होता है। यदि मापी गई राशियों में किसी भी प्रकार गलती हो जाती है तब परिमाण में त्रुटी देखने को मिलती है अर्थात हमारी उपेक्षा के अनुसार परिमाण नहीं मिलता है। मापन के बाद परिमाण या तो बढ़ जाता है या घट जाता है। मापी गई राशि का इस प्रकार से अपने वास्तविक मान से विचलित होना ही ही एरर अर्थात त्रुटी कहलाता है।  त्रुटी को साधारण भाषा में इस प्रकार से परिभाषित किया जा सकता है : किसी भौतिक राशि के वास्तविक मान तथा मापे गए मान के अंतर को त्रुटी कहा जाता है ।  यदि किसी भौतिक राशि (जैसे विधुत धारा) को दो अलग अलग धारामापी से मापा जाए तब इसकी कोई गारंटी नहीं है की दोनों धारामापी एक ही रीडिंग दिखाए। इस प्रकार दोनों धारामापी के रीडिंग में आए हुए अंतर को त्रुटी कहा जाता है। किसी भौतिक राशि में उत्पन्न हुए त्रुटी को समझने के लिए हमें भौतिक राशि से संबंधित दो पद को के बारे में जानना पड़ेगा। ये दो पद है : भौतिक राशि का वास्तविक मान (Tru...