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lenz's law in hindi : परिभाषा , फार्मूला तथा प्रयोग - हिंदी इलेक्ट्रिकल डायरी

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लेन्ज़ का नियम क्या है? किसी कुंडली से संबंधित चुंबकीय क्षेत्र में परिवर्तन करने पर उस  कुंडली में एक विधुत धारा प्रेरित अर्थात उत्पन्न  हो जाती है। लेन्ज़ का नियम यह बताता है कि प्रेरित धारा की दिशा ऐसी होती है कि वह उस परिवर्तन का विरोध करती है जिसने उसे प्रेरित अर्थात उत्पन्न कियाथा।  दूसरे शब्दों में,प्रेरित धारा(Induced Current) एक ऐसा चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करता है जो पहले वाले  चुंबकीय क्षेत्र के परिवर्तन का विरोध करता है। लेन्ज़ के नियम का सूत्र क्या है? लेन्ज़ के नियम का सूत्र फैराडे के प्रेरण सिद्धांत का विस्तारित रूप है जिससे यह ज्ञात होता है कि किसी कुंडली में प्रेरित विद्युतवाहक बल (EMF) चुंबकीय क्षेत्र के परिवर्तन की दर के ऋणात्मक के बराबर होता है जैसे निचे दिया गया है E = -N(dΦ/dt) जहां E = कुंडली में प्रेरित EMF है, वोल्ट में N= कुंडली में फेरों की संख्या है Φ=कुंडली से गुजरने वाला चुंबकीय फ्लक्स है, वेबर में t = समय है, सेकंड में लेन्ज़ के नियम के अनुप्रयोग(Application of Lenz's Law) लेन्ज़ के नियम दैनिक जीवन और टेक्नोलॉजी में कई प्रकार से...

माइक्रोकंट्रोलर : परिभाषा , प्रकार , कार्य सिद्धांत तथा उपयोग - हिंदी इलेक्ट्रिकल डायरी

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माइक्रोकंट्रोलर क्या है ? माइक्रोकंट्रोलर (Microcontroller) को एक छोटा सा कंप्यूटर के रूप में समझा जा सकता है  यह  किसी डिवाइस के दिमाग के रूप में काम करता है। यह एक इंटीग्रेटेड सर्किट(IC) है जिसमें एक सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (CPU), मेमोरी, इनपुट-आउटपुट (I/O) पिन तथा अन्य दूसरे उपकरण शामिल होते हैं। माइक्रोकंट्रोलर  सबसे पहले सेंसर से डेटा पढ़ता है उसके बाद प्रोसेसर के माध्यम से निर्देशों (Instruction) को चलाता है और परिणामों के आधार पर डिवाइस को नियंत्रित करता है। दूसरे शब्दों में, एक माइक्रोकंट्रोलर किसी उपकरण को आटोमेटिक रूप से चलाने का ज़रिया है। यह उपकरण को निर्देश देता है कि कब चालू होना है, कब बंद होना है और किस तरह से काम करना है। जैसे उदाहरण के लिए, एक वॉशिंग मशीन में माइक्रोकंट्रोलर होता है जो वॉश साइकल के विभिन्न चरणों को नियंत्रित करता है। यह पानी भरने, धोने, धुलाने और सुखाने के लिए समय और तापमान को निर्धारित करता है। माइक्रोकंट्रोलर के प्रकार  माइक्रोकंट्रोलर को विभिन्न कारकों के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है जैसे  आर्किटेक्चर के आधार पर (Based On ...

थर्मोडायनामिक्स के विभिन्न गुण (Different Property of Thermodynamics)

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थर्मोडायनामिक्स फिजिक्स की एक शाखा है जिसमे ऊष्मा, तापमान और कार्य के बीच के संबंध  का अध्ययन किया जाता  है। आइए इसके मूलभूत सिद्धांत आसानी से समझने की कोशिस करते है : गुणधर्म (Properties): थर्मोडायनामिक्स में गुणधर्म किसी सिस्टम की वे विशेषताएं होती  हैं जो उसकी अवस्था (State)को परिभाषित करती हैं तथा उसके आंतरिक कारको पर  निर्भर करती हैं। बाहरी कारक जैसे तापमान, दबाव या अन्य दूसरी  सिस्टम से संपर्क गुणधर्मों को प्रभावित कर सकते हैं, लेकिन वे प्रणाली के आंतरिक संरचना या प्रकृति पर निर्भर नहीं करते हैं। थर्मोडायनामिक्स के गुणधर्म निम्न है : 1. व्यापक गुणधर्म (Extensive Properties) किसी सिस्टम के वे गुण जो उसकी मात्रा पर निर्भर करते है उसे व्यापक गुणधर्म (Extensive Properties) कहते है।ये गुणधर्म सिस्टम के आकार या मात्रा के सीधे अनुपात में परिवर्तित होतेहैं। जैसे की  लिए, द्रव्यमान, आयतन, आंतरिक ऊर्जा, कुल ऊष्मा तथा  एन्ट्रॉपी। यदि सिस्टम दोगुने आकार का है  तो  सिस्टम में इन गुणधर्मों मान भी दोगुना  होगा। 2. गहन गुणधर्म ...

बेसिक कांसेप्ट ऑफ़ थर्मोडायनामिक्स | Concept of Thermodynamics in Hindi

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थर्मोडायनामिक्स का सरल परिचय  थर्मोडायनामिक्स फिजिक्स की एक शाखा है जो ऊष्मा, तापमान और कार्य के बीच के संबंधों का अध्ययन करती है। सरल शब्दो में यह बताता है कि कैसे ऊष्मा वस्तुओं के बीच यांत्रिक(गति) कार्य में बदल सकती है और इसके विपरीत गति से ऊर्जा कैसे उत्पन्न की जा सकती है। ऊष्मा तथा गति के बीच संबंध का अध्ययन थर्मोडायनामिक्स के अंदर किया जाता है।  मुख्य अवधारणाएं ऊर्जा:  थर्मोडायनामिक्स का मूलभूत सिद्धांत है कि संसार में ऊर्जा का  कुल योग स्थिर है। इसे घटाया बढ़ाया नही जा सकता। इसे केवल  विभिन्न रूपों में बदला जा सकता है।  जैसे कि ऊष्मा को कार्य में  या कार्य को ऊष्मा मे। तापमान:  तापमान किसी वस्तु में कितनी ऊष्माज ऊर्जा संचित है इसका माप है। गर्म वस्तुओं में ठंडी वस्तुओं की तुलना में अधिक उष्मीय ऊर्जा होती है। कार्य:  जब कोई बल किसी वस्तु की स्थिति में गति उत्पन्न करता  है तो उस  वस्तु पर कार्य किया जाता है। उदाहरण के लिए, जब आप कोई किताब उठाते हैं तो आप उस किताब पर गुरुत्वाकर्षण बल के विरुद्ध कार्य करते हैं। ऊष्मा स्थानांत...

Spider Box Electrical : परिभाषा ,कॉम्पोनेन्ट,उपयोग ,लाभ एवं हानि - हिंदी इलेक्ट्रिकल डायरी

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Spider Box क्या है?  स्पाइडर बॉक्स एक प्रकार का पावर सप्लाई है  जिसका उपयोग विभिन्न स्थानों पर टेम्पोरेरी पावर सप्लाई के लिए किया जाता है। इसे बिजली वितरण बॉक्स के नाम से भी जाना जाता है। इसका नाम मकड़ी जिसे इंग्लिश में स्पाइडर कहते है से लिया गया है क्योकि इसकी डिज़ाइन मकड़ी की जैसी होती है। इसके केंद्र के चारो तरफ बहुत से पैर निकले हुए होते है। ऐसे स्थान जहा पर स्टैण्डर्ड आउटलेट उपलब्ध न हो वैसे स्थान पर बिजली आपूर्ति के लिए स्पाइडर बॉक्स का उपयोग किया जाता है। शादी समारोह , पार्टी , कंस्ट्रक्शन साइट आदि जैसे स्थान पर विधुत आपूर्ति के लिए स्पाइडर बॉक्स का  उपयोग किया जाता है।  स्पाइडर बॉक्स के कॉम्पोनेन्ट एवं विशेषता  यह आमतौर पर हैवी ड्यूटी प्लास्टिक या धातु से बना हुआ बंद घेरा होता है। इस बंद घेरे के अंदर कुछ आवश्यक कॉम्पोनेन्ट जैसे इनपुट आउटपुट  कनेक्टर ,सर्किट ब्रेकर ,ओवर लोड प्रोटेक्शन सिस्टम ,पावर इंडिक्टर लाइट तथा वोल्टेज ,करंट डिस्प्ले लगा हुआ होता है।  इनपुट पावर कनेक्शन  इस कनेक्शन के मदद से स्पाइडर बॉक्स को किसी प्राइमरी विधुत श्रोत जैसे...

इंटरनल कम्बशन इंजन: परिभाषा, कार्य सिद्धांत तथा अनुप्रयोग - हिंदी इलेक्ट्रिकल डायरी

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इंटरनल कम्बशन इंजन किसे कहते है ? यह एक विशेष प्रकार का इंजन है जिसमे ईंधन के जलने से उत्पन्न उष्मीय ऊर्जा का रूपांतरण यांत्रिक ऊर्जा में होता है। इसमें एक पूर्ण रूप से बंद सिलिंडर होता है जिसमे पिस्टन लगा रहता है। इस बंद सिलिंडर में ईंधन तथा हवा के मिश्रण को प्रवाहित किया जाता है जिसमे मिश्रण का दहन होता है। इंटरनल कम्बशन इंजन को हिंदी में अंतर्दहन इंजन कहते है। अंतर्दहन इंजन के मुख्य भाग (Component of IC Engine) इंटरनल कम्बशन इंजन के निर्माण में बहुत से कम्पोनेट का इस्तेमाल किया जाता है जिनमे से कुछ की व्याख्या नीचे की गई है : दहन कक्ष: इंजन का वह भाग जिसमे ईंधन तथा हवा के मिश्रण का दहन होता है। पिस्टन: एक हिलने-डुलने वाला भाग जो मिश्रण के दहन से निकली उष्मीय ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में परिवर्तित करता है। कनेक्टिंग रॉड: एक रॉड जो पिस्टन को क्रैंकशाफ्ट से जोड़ती है। क्रैंकशाफ्ट: एक रोटरी शाफ्ट जो पिस्टन की गति को घूर्णन  गति में बदलता है। वाल्व: वाल्व दहन कक्ष में प्रवाहित गैसों के प्रवाह को नियंत्रित करता हैं। स्पार्क प्लग: एक इलेक्ट्रिकल डिवाइस जो मिश्रण को प्रज्वलित करने के...

डीजल इंजन क्या है ? परिभाषा , कार्य सिद्धांत तथा उपयोग

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डीजल इंजन क्या है ? डीजल इंजन एक आंतरिक दहन इंजन है जिसमे डीजल का  उपयोग मुख्य ऊर्जा श्रोत के रूप में किया जाता है। इस इंजन में एक पिस्टन होता है जो एक सिलेंडर के अंदर ऊपर और नीचे घूमता रहता है। जब पिस्टन ऊपर जाता है,तब  यह हवा और ईंधन के मिश्रण को अंदर के तरफ खींचता है। जब पिस्टन नीचे जाता है, तो यह मिश्रण को संपीड़ित करता है जिससे मिश्रण का तापमान बढ़ता है। मिश्रण के तापमान में वृद्धि होने की वजह से एक विस्फोट होता है , जिसके परिणामस्वरूप विस्फोट पिस्टन को नीचे की ओरधकेलता है। पिस्टन की यह गति को क्रैंकशाफ्ट में स्थानांतरित होती है जिससे  इंजन के पहियों को घुमने की शक्ति मिलती है। डीजल इंजन आमतौर पर गैसोलीन इंजन की तुलना में अधिक कुशल और शक्तिशाली होते हैं, लेकिन ये अधिक प्रदूषण भी पैदा करते हैं।   डीजल इंजन कैसे कार्य करता है ? डीजल इंजन एक संपीडन-इग्निशन इंजन है जो बिना स्पार्किंग प्लग के हवा को संपीड़ित कर उसमें डीजल ईंधन इंजेक्ट कर काम करता है।  इस इंजन के चार मुख्य स्ट्रोक होते हैं जो निचे बताये गए है : इंटेक स्ट्रोक:  इस स्ट्रोक में पिस्टन ऊपर की ओर ...