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विधुत विभव : परिभाषा ,सूत्र तथा अनुप्रयोग - हिंदी इलेक्ट्रिकल डायरी

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 विभव किसे कहते है? जब किसी वस्तु में कार्य करने की योग्यता होती है जिससे वह भविष्य में कार्य कर  विकशित हो सकता है तब कहा जाता है की उस वस्तु के पास  पोटेंशियल है। पोटेंशियल शब्द का उपयोग विज्ञानं से सामाजिक विज्ञानं के क्षेत्र तक किया जाता है।   विधुत विभव किसे कहते है? इकाई आवेश को किसी विधुत क्षेत्र में अनंत से एक निश्चित बिंदु तक लाने में किए गए कार्य के परिमाण को उस बिंदु पर आवेश का विभव कहते है।यह एक अदिश राशी है जिसका SI मात्रक वोल्ट(V) होता है। इसे अंग्रेजी में Electric Potential कहा जाता है। इकाई आवेश को अनंत से लाने में जो कार्य किया जाता है वह कार्य उस आवेश के सिस्टम में स्थितिज उर्जा के रूप में संरक्षित हो जाता है। इस उर्जा के कारण उस आवेश में कार्य करने की क्षमता विकसित हो जाती है। यदि Q कूलम्ब आवेश को अनंत से किसी बिंदु तक लाने में किये गए कार्य  की मात्रा W जूल है तब उस बिंदु पर विभव V को निम्न तरीके से व्यक्त किया जायेगा।  विधुत विभव का मात्रक क्या होता है? चूँकि विभव कार्य तथा आवेश का अनुपात है इसलिए इसका मात्रक भी  कार्य के मा...

त्वरण : परिभाषा , प्रकार , सूत्र तथा उदहारण - हिंदी इलेक्ट्रिकल डायरी

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 त्वरण क्या होता है? गति करती हुई किसी वस्तु के वेग में समय के साथ होने वाली परवर्तन को त्वरण कहते है। त्वरण को अंग्रेजी में Acceleration कहा जाता है। वस्तु के वेग में परिवर्तन होने का मतलब हुआ की उसका वेग बढ़ भी सकता है और घट भी सकता है। वस्तु का वेग बढे या घटे दोनों दशा में वस्तु त्वरित होती है। इसके अतिरिक्त यदि वस्तु के चाल की  दिशा में भी परिवर्तन हो तब भी उसे त्वरण कहते है। इसे संक्षेप में निम्न तरीके से परिभाषित किया जा सकता है  गति करती हुई वस्तु के वेग परिवर्तन के दर को त्वरण कहते  है।   त्वरण ज्ञात करने  का सूत्र क्या है? गति करती हुई वस्तु का त्वरण ज्ञात करने के लिए एक समीकरण का उपयोग किया जाता है जिसे त्वरण का सूत्र कहते है। चूँकि त्वरण वेग परिवर्तन का दर होता है। इसलिए इसको ज्ञात करने करने के लिए किसी दिए गए समय अन्तराल में वेग में होने वाली परिवर्तन को ज्ञात करना जरुरी होता है जैसे :- माना की वस्तु का प्रारंभिक वेग = u  t समय बाद वस्तु का वेग = v  माना की वस्तु का त्वरण a है तब इसके परिभाषा से निम्न तरीके से व्यक्त किया जा सकता ह...

त्रुटि : परिभाषा ,विभिन्न प्रकार के त्रुटी ,सूत्र तथा उदहारण - हिंदी इलेक्ट्रिकल डायरी

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 एरर क्या होता है? विज्ञानं तथा इंजीनियरिंग में मापन का बहुत ही महत्व है। इंजीनियरिंग में उपयोग की जाने वाली सभी प्रकार के भौतिक राशियों को मापना बहुत ही जरुरी होता है। यदि मापी गई राशियों में किसी भी प्रकार गलती हो जाती है तब परिमाण में त्रुटी देखने को मिलती है अर्थात हमारी उपेक्षा के अनुसार परिमाण नहीं मिलता है। मापन के बाद परिमाण या तो बढ़ जाता है या घट जाता है। मापी गई राशि का इस प्रकार से अपने वास्तविक मान से विचलित होना ही ही एरर अर्थात त्रुटी कहलाता है।  त्रुटी को साधारण भाषा में इस प्रकार से परिभाषित किया जा सकता है : किसी भौतिक राशि के वास्तविक मान तथा मापे गए मान के अंतर को त्रुटी कहा जाता है ।  यदि किसी भौतिक राशि (जैसे विधुत धारा) को दो अलग अलग धारामापी से मापा जाए तब इसकी कोई गारंटी नहीं है की दोनों धारामापी एक ही रीडिंग दिखाए। इस प्रकार दोनों धारामापी के रीडिंग में आए हुए अंतर को त्रुटी कहा जाता है। किसी भौतिक राशि में उत्पन्न हुए त्रुटी को समझने के लिए हमें भौतिक राशि से संबंधित दो पद को के बारे में जानना पड़ेगा। ये दो पद है : भौतिक राशि का वास्तविक मान (Tru...

आग : परिभाषा ,प्रकार तथा आग बुझाने की उपाय - हिंदी इलेक्ट्रिकल डायरी

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आग क्या होती है? ज्वलन के दौरान होने वाली ऊष्माक्षेपी रासायनिक अभिक्रिया में ज्वलनशील पदार्थ  का बहुत तेजी से आक्सीकरण होता है जिससे बहुत ही ज्यादा मात्रा में ऊष्मा ,प्रकाश तथा दुसरे रासायनिक पदार्थ उत्पन्न होते है। ज्वलनशील पदार्थ के इस प्रकार के आक्सीकरण को ही आग कहा जाता है। आग में जब ज्वलनशील पदार्थ जलते है तब ऑक्सीजन के परमाणुओं के बीच मौजूद कमजोर डबल रासायनिक बंधन टूटते है और ज्वलनशील पदार्थ में मौजूद कार्बन तथा ऑक्सीजन के साथ मजबूत  रासायनिक बंधन बनाते है जिससे कार्बन डाई ऑक्साइड तथा जल के अणु का निर्माण होता है और उत्पाद के रूप में जल तथा कार्बन डाई ऑक्साइड बनता है। इस प्रक्रिया के दौरान बहुत ही ज्यादा मात्रा में उष्मीय उर्जा उत्पन्न होता है जिससे आग का तापमान बहुत ज्यादा हो जाता है।  आग से इन्सान उष्मीय उर्जा उत्पन्न प्राप्त करता है। आग उत्पन्न करने  के लिए लकड़ी या दुसरे दहनशील पदार्थ को जलाया जाता है। इससे प्राप्त उष्मीय उर्जा का उपयोग खाना पकाने आदि जैसे बहुत से कार्य किये जाते है। जब तक  आग इन्सान के नियंत्रण में होता है तब तक इससे उपयोगी कार्य किये...

मैक्सवेल का लूप नियम - परिभाषा ,सिध्दांत तथा आंकिक प्रश्न - हिंदी इलेक्ट्रिकल डायरी

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 मैक्सवेल का लूप नियम क्या है? यह नियम किसी जटिल विधुत परिपथ के विभिन्न लूप में प्रवाहित होने वाली सभी विधुत धाराओ के बीच संबंध स्थापित करता है जिसके मदद से लूप तथा अन्य दुसरे ब्रांच में प्रवाहित होने वाली विधुत धारा का परिमाण ज्ञात किया जाता है। परिपथ में जितने भी लूप होते है उन सभी लूप में एक स्वतंत्र विधुत धारा का प्रवाह होता है। जटिल परिपथ में जितने लूप की संख्या होती है उतने वेरिएबल के रैखिक समीकरण होती है तथा इन सभी रैखिक समीकरण को हल करने से प्रत्येक लूप से सम्बंधित विधुत धारा का परिमाण ज्ञात होता है। मैक्सवेल का यह नियम डीसी तथा एoसी दोनों प्रकार के परिपथ से लिए बराबर सही है। इसे समझने के लिए हम एक परिपथ का सहारा लेते है जिसमे तीन लूप है तथा जिसमे दो विधुत उर्जा श्रोत जुड़े हुए है ।    जैसे की ऊपर विधुत परिपथ में दिखाया गया है की प्रत्येक लूप में एक विधुत धारा का प्रवाह हो रहा है। चूँकि परिपथ में कुल लूप की संख्या तीन है अतः तीनो लूप में  प्रवाहित होने वाली विधुत धारा के परिमाण को ज्ञात करने के लिए कुल तीन रैखिक समीकरण बनेंगे जो तीनो विधुत धारा को आपस में सम्ब...