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सेंसर क्या होता है? परिचय ,परिभाषा ,प्रकार तथा उपयोग - हिंदी इलेक्ट्रिक डायरी

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 सेंसर क्या होता है? वैसे  सेंसर को विभिन्न तरीको से परिभाषित किया जाता है। अलग अलग लोग सेंसर को अलग अलग तरीके से परिभाषित करते है। उसी में सेंसर की एक परिभाषा यह है :- सेंसर  एक ऐसा विधुतीय उपकरण या डिवाइस है जो पर्यावरण के किसी भौतिक राशि (तापमान ,दाब आदि) को ऐसे दुसरे भौतिक राशि में तब्दील करता है जिसे आसानी से इन्सान या मशीन समझ पाते है। यदि इसको दुसरे भाषा में बोले तो यह एक ऐसा विधुतीय उपकरण  है जो पर्यावरण के भौतिक राशि जैसे तापमान ,स्थान ,प्रकाश ,दाब ,आद्रता आदि को पहचान कर उसके समतुल्य दुसरे विधुत सिग्नल में परिवर्तित करता है जो किसी मशीन द्वारा किसी स्केल या डिस्प्ले पर दिखाई देता है।  पर्यावरण के भौतिक राशि में कभी कभी  इतना कम परिवर्तन होता है की इन्सान की ज्ञानइन्द्रिय उस परिवर्तन को महशुस नहीं कर पाती है  लेकिन विधुतीय सेंसर इतने छोटे परिवर्तन को भी आसानी से डिटेक्ट कर लेते है। परिवर्तन को डिटेक्ट करने के बाद उसे विधुत सर्किट से जुड़े माइक्रोकंट्रोलर या माइक्रोप्रोसेसर को एक सिग्नल भेज देते है जिसे माइक्रो कंट्रोलर उसे डिस्प्ले बोर्ड पर दिख...

Electrical Circuit: परिभाषा ,प्रकार,तथा उपयोग - हिंदी इलेक्ट्रिकल डायरी

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विधुत परिपथ किसे कहते है ? विधुत परिपथ एक ऐसा बंद पाश होता है जो विधुत धारा को प्रवाहित होने के लिए रास्ता बनाता है। विधुत परिपथ को हिंदी में इलेक्ट्रिक सर्किट कहते है। जब  किसी इलेक्ट्रिक बल्ब को धातु के तार से विधुत ऊर्जा श्रोत(बैटरी ,सेल ,विधुत जनरेटर आदि ) से जोड़ते है जिससे इलेक्ट्रिक बल्ब जलने लगता है। तब इस प्रकार इलेक्ट्रिक बल्ब ,धातु का तार तथा बैटरी एक बंद पाश बनाते है जो विधुत परिपथ कहलाता है।  विभिन्न प्रकार के विधुत परिपथ हमने ऊपर अभी विधुत परिपथ को देखा। विधुत इंजीनियरिंग में विधुत परिपथ को तीन  तरह से विभाजित किया गया है। विधुत परिपथ के तीन  प्रकार निम्न है :- Closed Circuit  Open Circuit  Short Circuit  Closed Circuit  क्या होती है ? Closed  Circuit या बंद परिपथ   एक ऐसा इलेक्ट्रिक सर्किट होता है जिसमे विधुत ऊर्जा श्रोत (बैटरी, सेल आदि) से प्रवाहित विधुत धारा ,विधुत परिपथ से होते हुए लोड में प्रवाहित होती है। Closed  Circuit में प्रवाहित विधुत धारा का परिमाण  लोड द्वारा खपत ऊर्जा के अनुप...

प्रत्यावर्ती विधुत धारा किसे कहते है ? प्रत्यावर्ती विधुत धारा का शिखर मान ,आवर्त काल तथा आवृति - हिंदी इलेक्ट्रिकल डायरी

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प्रत्यावर्ती विधुत धारा किसे कहते है ? ऐसी विधुत धारा जिसका परिमाण तथा दिशा आवर्त रूप से बदलता रहे उसे प्रत्यावर्ती विधुत धारा कहते है। प्रत्यावर्ती विधुत धारा को एम्पियर में मापा जाता है। यह एक सदिश राशि है। प्रत्यावर्ती धारा को पूर्ण रूप से समझने के लिए उससे सम्बंधित निम्न बातो की जानकारी होना आवश्यक है : विधुत धारा का आयाम  विधुत धारा की आवृति  विधुत धारा RMS मान  विधुत धारा का औसत मान  आयाम क्या होता है? चुम्बकीय क्षेत्र में घुमती हुई कुंडली की दो स्थितियों में परिपथ में उत्पन्न प्रत्यावर्ती धारा का मान अधिकतम होता है। प्रत्यावर्ती धारा के इस अधिकतम मान को ही उसका आयाम या शिखर मान कहते है। इसे अंग्रेजी में Amplitude कहा जाता है। इसे से प्रदर्शित किया जाता है। इसे दिए गए ग्राफ में दिखाया गया है।  आवर्त काल क्या होता है ? जितने समय में चुंबकीय क्षेत्र में घुमती हुई कुंडली एक चक्कर पूरा करती है ,ठीक उतने ही समय में कुंडली से जुड़े परिपथ में प्रत्यावर्ती धारा पहले एक दिशा में शून्य से अधिकतम तथा अधिकतम से शून्य हो जाती है। इसे विधुत धारा का एक चक्र कहते है। प्रत...

विधुत धारा : परिभाषा ,मात्रक तथा धारा बहाव की दिशा - हिंदी इलेक्ट्रिकल डायरी

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विधुत धारा क्या होती है? आवेश प्रवाह की दर को विधुत धारा कहते है। किसी चालक से विधुत धारा के प्रवाह का मतलब हुआ की उस चालक से आवेश प्रवाहित हो रहे है। जब चालक को किसी विधुत उर्जा श्रोत (जैसे बैटरी ,सोलर सेल ,जनरेटर आदि) से जोड़ा जाता है तब विधुत उर्जा श्रोत से ऋण आवेशित इलेक्ट्रान निकलकर चालक से होकर चलने लगते है। इस प्रकार ऋण आवेशित इलेक्ट्रान के प्रवाह की दर विधुत धारा कहलाती है। धातुयिक पदार्थ (Conducting Material) में बहुत ही ज्यादा मात्र में मुक्त इलेक्ट्रान (Free Electrons) रहते है इसलिए जब धतुयिक पदार्थ को किसी विधुत उर्जा श्रोत से जोड़ा जाता है तब उससे विधुत धारा का प्रवाह होने लगता  है। धन आवेशित या  ऋण आवेशित दोनों प्रकार के पदार्थ के  प्रवाह के दर को  विधुत धारा कहते है। विधुत धारा को किताब में निम्न प्रकार से परिभाषित किया जाता है :- किसी चालक के पृष्ठ क्षेत्रफल से प्रति सेकंड प्रवाहित होने वाले आवेश के दर को विधुत धारा कहा जाता है।  यदि किसी चालक  से  t समय में प्रवाहित होने वाले कुल आवेश की संख्या Q है तब चालक से प्रवाहित विधुत धारा (I) क...

आरसीबीओ : परिभाषा, फुल फॉर्म ,कार्य सिद्धांत तथा उपयोग - हिंदी इलेक्ट्रिकल डायरी

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आरसीबीओ  क्या होता  है  तथा कैसे कार्य करता है ? यह एक विधुत सुरक्षा उपकरण है जिसमे RCD तथा MCB दोनों का गुण होता है। इसका उपयोग विधुत सुरक्षा के लिए किया जाता है।  यह  किसी व्यक्ति को इलेक्ट्रिक शॉक या  लीकेज  करंट या ओवर करंट के कारण लगने वाली आग से सुरक्षा प्रदान करता है।  RCBO लाइव वायर में प्रवाहित होने वाली विधुत धारा की निगरानी सटीकता से करता रहता है। जैसे ही करंट लीकेज,ओवर वोल्टेज ,इलेक्ट्रिक शॉक के कारण प्रवाहित विधुत धारा में कोई असंतुलन नजर आती है यह मुख्य सप्लाई को विधुत सर्किट से डिसकनेक्ट कर देता है। RCBO की इस तुरंत एक्शन के कारण कोई बड़ी विधुत दुर्घटना या आग या कोई विधुत उपकरण डैमेज होने से बच जाता है।  उच्च स्तर की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आरसीबीओ का उपयोग आमतौर पर घरों, ऑफिस,औद्योगिक सुविधाओं और वाणिज्यिक भवनों सहित विभिन्न विद्युत प्रतिष्ठानों में किया जाता है। ये  पारंपरिक सर्किट ब्रेकरों की तुलना में बेहतर सुरक्षा प्रदान करते हैं, क्योंकि येओवरकरंट और लीकेज करंट दोनों का पता लगा सकते है।  RCBOका फुल फॉर्म क्...

ऑप्टिकल सेंसर : परिभाषा ,कार्य सिध्दांत तथा उपयोग - हिंदी इलेक्ट्रिकल डायरी

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ऑप्टिकल सेंसर किसे कहते है ? यह एक प्रकार का इलेक्ट्रॉनिक विधुत उपकरण है जो प्रकाश  या दूसरे विधुत चुंबकीय तरंगो को डिटेक्ट कर उसे इलेक्ट्रिकल सिग्नल में परिवर्तित करता है। इस उपकरण की मदद से किसी प्रकाश किरण के तीव्रता को विधुत सिग्नल में परिवर्तित कर किसी दूसरे डिवाइस द्वारा दिखाया जाता है। इसका उपयोग कांटेक्ट लेस (जिसे छू नहीं सकते) वस्तु को डिटेक्ट करने के लिए करते है।  ऑप्टिकल सेंसर का कार्य सिध्दांत  ऑप्टिकल सेंसर में एक कंपोनेंट होता है जो प्रकाश का पता लगा सकता है। यह कंपोनेंट फोटोडायोड, फोटोट्रांजिस्टर, फोटोवोल्टेक सेल या अन्य प्रकाश संवेदनशील तत्व हो सकता है। जब प्रकाश इस कंपोनेंट पर पड़ता है, तो यह प्रकाश की तीव्रता के अनुसार एक विधुत धारा या वोल्टेज उत्पन्न करता है और इसी वोल्टेज या करंट के परिमाण को दिखाया जाता है। प्रकाश सेंसर द्वारा उत्पन्न विधुत सिग्नल आम तौर पर कमजोर और एनालॉग होता है। इसे और उपयोगी बनाने के लिए, सेंसर में एंप्लिफायर या सिग्नल कंडीशनिंग सर्किट्री शामिल की जाती है जो सिग्नल की मजबूती को बढ़ाते हैं और आगे की प्रोसेसिंग के लिए उचित स्वरूप मे...

फ्लक्स मीटर : परिभाषा ,कार्य सिद्धांत ,लाभ ,हानि तथा उपयोग - हिंदी इलेक्ट्रिकल डायरी

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फ्लक्स मीटर क्या है ? यह एक मापक यन्त्र है जिसके मदद से किसी चुम्बकीय परिपथ से जुड़े चुम्बकीय फ्लक्स के परिमाण को मापा जाता है। इसमें कोइल या सेंसर लगा हुआ होता है जो चुंबकीय फ्लक्स को डिटेक्ट कर विधुतीय सिगनल में परिवर्तित करता है। इस विधुतीय सिग्नल को सांख्यिक रूप में स्केल पर इसके मात्रक वेबर में व्यक्त किया जाता है। फ्लक्समीटर बैलिस्टिक गैल्वेनोमीटर का उन्नत रूप है जिसमे लो कंट्रोलिंग टार्क तथा ज्यादा इलेक्ट्रोमैग्नेटिक डंपिंग होती है।  फ्लक्स मीटर का कार्य सिध्दांत  फ्लक्स मीटर फैराडे के इलेक्ट्रोमैग्नेटिक सिद्धांत पर कार्य करता है। फ्लक्स मीटर के कार्य सिद्धांत को समझने के लिए फैराडे के इलेक्ट्रोमैग्नेटिक सिध्दांत को समझना होगा जिसके अनुसार यदि किसी  वायर से सम्बंधित चुम्बकीय क्षेत्र में परिवर्तन किया जाए तो उस  वायर में विधुत वाहक बल (EMF) उत्पन्न हो जाती है। इस प्रकार उत्पन्न विधुत वाहक बल का परिमाण चुम्बकीय परिवर्तन होता है।   फ्लक्स मीटर की संरचना एवं बनावट  फ्लक्स मीटर की संरचना एवं बनावट को निचे के चित्र में दिखाया गया है। एक स्थायी चुम्बक क...