मैक्सवेल का लूप नियम - परिभाषा ,सिध्दांत तथा आंकिक प्रश्न - हिंदी इलेक्ट्रिकल डायरी
मैक्सवेल का लूप नियम क्या है? यह नियम किसी जटिल विधुत परिपथ के विभिन्न लूप में प्रवाहित होने वाली सभी विधुत धाराओ के बीच संबंध स्थापित करता है जिसके मदद से लूप तथा अन्य दुसरे ब्रांच में प्रवाहित होने वाली विधुत धारा का परिमाण ज्ञात किया जाता है। परिपथ में जितने भी लूप होते है उन सभी लूप में एक स्वतंत्र विधुत धारा का प्रवाह होता है। जटिल परिपथ में जितने लूप की संख्या होती है उतने वेरिएबल के रैखिक समीकरण होती है तथा इन सभी रैखिक समीकरण को हल करने से प्रत्येक लूप से सम्बंधित विधुत धारा का परिमाण ज्ञात होता है। मैक्सवेल का यह नियम डीसी तथा एoसी दोनों प्रकार के परिपथ से लिए बराबर सही है। इसे समझने के लिए हम एक परिपथ का सहारा लेते है जिसमे तीन लूप है तथा जिसमे दो विधुत उर्जा श्रोत जुड़े हुए है । जैसे की ऊपर विधुत परिपथ में दिखाया गया है की प्रत्येक लूप में एक विधुत धारा का प्रवाह हो रहा है। चूँकि परिपथ में कुल लूप की संख्या तीन है अतः तीनो लूप में प्रवाहित होने वाली विधुत धारा के परिमाण को ज्ञात करने के लिए कुल तीन रैखिक समीकरण बनेंगे जो तीनो विधुत धारा को आपस में सम्ब...